ग्वालियर। लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को एक ऐसे पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया, जो अपने आलीशान मकान में बने दफ्तर में रिश्वत ले रहा था। रिश्वत का कामकाज देखने के लिए पटवारी ने एक सहायक भी रख रखा था और पूरा दफ्तर हाईटेक था।
ओलावृष्टि में नष्ट हुई फसल का मुआवजा दिलवाने के नाम पर किसान से दस हजार की रिश्वत मांगना एक पटवारी को महंगा पड गया। मंगलवार सुबह लोकायुक्त पुलिस ने किसान की शिकायत पर आरोपी पटवारी और उसके दलाल को रंगे हाथो धर दबोचा।
जानकारी के अनुसार, बेहट क्षेत्र के दहेली गांव में रहने वाले रामनिवास व रामलखन गुर्जर की फसल कुछ दिन पहले हुई ओलावृष्टि में नष्ट हो गई थी। पीडित किसानों ने मुआवजे के लिए जब पटवारी विनोद गौड से संपर्क किया तो उसने किसानों से दस हजार रूपए की मांग कर दी। किसान ने जब रिश्वत देने से इंकार कर दिया तो पटवारी विनोद गौड़ ने उसकी मुआवजा राशि को अटका दिया, जिससे सूखा पीडित किसान की परेशानी और बढ़ गई।
मुरार के धनेली गांव के किसान रामनिवास और रामलखन की फसल ओले गिरने से खराब हो गई थी। इसकी जानकारी उन्होंने प्रशासन को दी। गांव के पटवारी विनोद गौर ने उनसे लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।
दो किश्तों में मांगी रिश्वत
दोनों किसानों ने पहले रिश्वत देने से मना किया तो पटवारी विनोद ने कहा नाम शामिल नहीं होगा। अंत में दो किश्तों में 10 हजार रिश्वत देने की बात हुई और इसमें से ढाई हजार रुपए 4 अप्रैल को दे दे दिए।
पटवारी विनोद ने मुरार स्थित गौतम नगर में हाईटेक दफ्तर बना रखा था और उसका अस्सिटेंट बृजेन्द्र राजौरिया इस काम को देखता था। किसानों ने लोकायुक्त पुलिस को खबर कर दी।
मंगलवार को लोकायुक्त ने गौतम नगर स्थित पटवारी के मकान में छापा मार दिया। मकान में पटवारी विनोद अपने अस्सिटेंट बृजेन्द्र के द्वारा घूस के 7500 रुपए लेता रंगे हाथों पकड़ा गया।
आलीशान मकान और कार मिली
पटवारी का गौतम नगर में दो मंजिला आलीशान मकान है और लक्जरी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। कुछ हजार रुपए वेतन पाने वाला पटवारी विनोद एक बड़ी कार का भी मालिक निकला। लोकायुक्त पुलिस अब पूरी संपत्ति की जांच कर रही है।