नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भारत माता की जय कहने से इनकार करने वालों के बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और योग गुरू रामदेव के बयानों से पल्ला झाड़ लिया है।
नायडू के मुताबिक इस तरह के विचार उनके निजी हैं। सरकार की ओर से उन्हें इस तरह के बयान देने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने भी कहा कि ऐसी टिप्पणियों पर विवाद इसलिए खड़ा किया जाता है ताकि एनडीए सरकार का ध्यान उसके विकास कार्यों से ‘बंटाया’ जा सके।
नायडू ने फडणवीस की टिप्पणी पर कहा कि वह उनका विचार है और मैं उनसे सहमत नहीं हूं। उन्होंने कहा कि भारत माता की जय का नारा किसी पर किसी सरकारी आदेश द्वारा थोपा नहीं गया है। हालांकि उन्होंने इसे भावनात्मक मुद्दा बताते हुए कहा कि सभी की संवेदनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
इस नारे पर आरएसएस महासचिव भैयाजी जोशी की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि मैं भी मानता हूं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। भगत सिंह ने भी जेल में भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए थे। नायडू ने रामदेव की टिप्पणियों पर भी असहमति जताते हुए कहा कि वह उनके निजी विचार हैं, सरकार के नहीं हैं।
जानकारी हो कि जोशी ने कहा था कि जो लोग इस भूमि को अपनी माता मानते हैं उन्हें भारत माता की जय कहना चाहिए। फडणवीस ने कहा था कि भारत माता की जय नहीं कहने वालों को देश छोड़ देना चाहिए। रामदेव ने कहा था कि कानून नहीं होता तो भारत माता की जय कहने से इनकार करने वालों के सिर कलम कर दिए जाते।