करौली। कैलादेवी लक्खी मेले में श्रद्धालुओं के जन सैलाब के चलते करौली शहर को जोड़ने वाले सभी मार्ग रातभर जय माता दी के नारो से गूंजते रहे। पुरुष-महिलाओं के कदम अपने बाल-बच्चों के साथ कैलादेवी मंदिर की ओर रात भर लगातार बढ़ते रहे।
जिले की हिण्डौन, मासलपुर मण्डरायल, धौलपुर सड़क मार्गों से पैदल यात्रियों का रेला माता के दरबार में मत्था टेक कर मनोतियां मांगने आ रहे हैं। कालीसिल नदी की लहरों पर प्रातःकाल की बेला में श्रद्धालु स्नान द्वारा अपना तन-मन पवित्र कर मां के दर्शनों के लिए कतारों में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार रात्रि तक लगभग 5 लाख श्रद्धालु माता के चरणों में अपनी अरदास लगा चुके थे। कैलादेवी के छोटे से कस्बे में हर तरफ भक्तिरस की आवाजें सुनाई दे रही थी। कैलादेवी नगरी इस समय आस्था का कुंभ नजर आ रहा है।
पदयात्री डीजे की धुनों पर लांगुरिया गीतों व पारंपरिक एवं लोक नृत्यो के बीच माता के गुणगान गाते हुए दरबार की ओर बढ रहे थे। कैलादेवी कस्बे की होटलों एवं धर्मशालाओं के फर्श पर श्रद्धालुओं के लिए पांव रखने के लिए भी जगह नहीं थी।
माता के दर्शनों के लिए प्रातः 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक लोग कतारों में खड़े होकर माता के दर्षनों का लाभ लेकर अपनी मनोतियां मांगने वालों की कमी नहीं थी। जिला प्रशासन द्वारा पुलिस, परिवहन, चिकित्सा, पेयजल एवं विद्युत, पार्किंग की बेहतर व्यवस्था से यात्रियों को चेहरे पर संतुष्टि के भाव दिख रहे थे।
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों द्वारा जगह-जगह भण्डारे एवं पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था नजर आ रही थी। यात्रियों को कहीं रसगुल्ला, बरफी, नुक्ती के लड्डू वितरण किए जा रहे थे। विश्राम के लिए बड़े बड़े अस्थाई पाण्डाल की बनाए गए हैं।