ऋषिकेश। पिछले दिनों आध्यात्मिक गुरू आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के द्वारा दिल्ली में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह को लेकर एनजीटी द्वारा सुनाए गए नोटिस को रविशंकर ने निरर्थक बताया।
उन्होंने कहा कि जब कोई जुर्म नहीं किया तो जुर्माना किस बात का दें साथ ही उन्होंने देवबंद के उलेमाओं द्वारा भारत माता के नारे को लेकर जारी किए गए फतवे को पूरी तरह भारत के संविधान विरूद्ध बताते हुए कहा कि जिन्हे भारत में रहकर भारत की संस्कृति व माटी से प्यार नहीं उन्हे यहां रहने का भी अधिकार नहीं हैं। ऐसे लोगों को भारत छोड़कर कहीं ओर चले जाना चाहिए।
श्री श्री रविशंकर आजकल यहां शीशम झाड़ी स्थित अपने आश्रम में दिल्ली में आयोजित बहुचर्चित संस्कृति महोत्सव के समापन के उपरान्त एकांतवास में आए हुए हैं। जिन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि एनजीटी द्वारा जो उनके अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव को लेकर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह गलत हैं।
जिन्हें सरकार से 20 मार्च तक अनुमति प्राप्त है। अभी उनका मंच लगा है तथा उनके स्वयं सेवक जमुना जी के किनारे सफाई अभियान में जुटे हैं और वह तब तक दिल्ली नहीं छोडे़ंगे जब तक पूरी तरह आयोजन स्थल को साफ सुथरा नहीं बना देंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में रहकर देश के प्रति बुरी सोच रखने वाले देश के हितैषी नहीं हो सकते जिन्हे अपनी सोच को बदलने के लिए आत्ममंथन करने की आवश्यकता है। जिससे उनकी बुद्धि व विचार भी बदलेंगे।
उनका कहना था देश में शान्ति व भाईचारे व सदभावना के वातावरण को बिगाड़ने के लिए अलग-अलग बात करने वाली मानसिकता को भी ठीक किए जाने की आवश्यकता हैं। उन्होेने कहा कि दिल्ली सरकारों द्वारा उनके सांस्कृतिक समारोह को लेकर जो कार्रवाई की गई है उसके पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उनके कार्यक्रम में पहुंचना है। जिससे वह राजनीति के चलते उन्हे परेशान करने में लगे हैं लेकिन वह अपने मिशन में सफल नहीं हो पाएंगे।
उन्होंने कहा कि जमुना जी को तो दिल्ली वासियों ने ही गंदा किया और जुर्माना उन पर लगाया गया लेकिन उन्होने व उनके अनुयायियों ने तय किया है कि जब उन्होंने जुर्म नहीं किया तो जुर्माना किस बात का देंगे। क्योंकि उन्होेने जो कार्यक्रम किया उसकी सरकार से अनुमति ली है। इस प्रकार के जगह-जगह आयोजन किए जाने की उन्होंने वकालत भी की।
श्री श्री रविंशकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विदेशों में जमा काले धन को भारत लाने व देश के विकास के लिए किए जा रहे विदेशों के दौरों की भी सराहना करते हुए कहा कि जब विश्व के देशों से बातचीत करेंगे तभी सकारात्मक परिणाम आएंगे। कुल मिलाकर आध्यात्मिक गुरू नरेन्द्र मोदी के कार्यों से संतुष्ट दिखे और उन्होने कहा कि अभी मोदी को 10-15 वर्ष का समय दिया जाना देशहित में रहेगा।