लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब एक दिन में पांच करोड़ पौधों का रोपण कर नया रिकार्ड बनाएगी। यह कार्यक्रम जुलाई माह में किसी दिन 24 घंटे में प्रदेश के 6500 स्थलों पर सम्पन्न किया जाएगा। इससे पहले राज्य सरकार ने पिछले साल नवम्बर में एक साथ 10 लाख पौधे लगाने का विश्व रिकार्ड बनाया था।
प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने शनिवार को सूबे के समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रीन यूपी-क्लीन यूपी कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2016 के वर्षाकाल में जुलाई माह के निर्धारित एक दिन 24 घन्टे में लगभग 6500 स्थलों पर 05 करोड़ पौधों का रोपण कराया जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिलाधिकारियों द्वारा वृक्षारोपण कार्यों के सम्पादन में अन्य सम्बन्धित विभागों का योगदान सुनिश्चित कराकर इस कार्यक्रम की सफलता प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराई जाए।
मुख्य सचिव की तरफ से जिलाधिकारियों को जारी शासनादेश में कहा गया है कि वर्ष 2016 के समस्त वृक्षारोपण स्थल की कोडिंग एनआईसी की आईजीआरएस आधारित कोड के अनुसार कराई जाये। उन्होंने कहा कि जनपदवार समस्त कार्यों का प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित करने हेतु एनआईसी के सहयोग से समस्त रोपण स्थलों का जनपदवार पूर्ण आॅनलाइन डाटा बेस तैयार कराया जाए।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला वृक्षारोपण समिति जिसके सदस्य सचिव प्रभागीय वनाधिकारी है, के माध्यम से उक्त कार्य सम्पन्न कराया जाए। जिले के मुख्य विकास अधिकारी, सभी अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार तथा खण्ड विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला सम्भागीय परिवहन अधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक गठित समिति के सदस्य होंगे।
वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के साथ-साथ इस कार्यक्रम के अन्तर्गत सौंपे गए कार्यों का सम्पादन भी करेंगे। मुख्य सचिव का निर्देश है कि जिला वृक्षारोपण समिति द्वारा इस विशेष वृक्षारोपण कार्य के सम्पादन हेतु जनपद स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी जिसका संचालन सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारी के द्वारा किया जाएगा।
रंजन ने कहा कि निर्धारित तिथि पर विभिन्न रोपण स्थलों पर वृक्षारोपण कार्य को कराने हेतु समस्त आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से पूर्ण कराने की जिम्मेदारी जनपद के सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारी अथवा प्रभागीय निदेशक की होगी।
उन्होंने कहा कि इस विशेष वृक्षारोपण कार्य में लगे समस्त वनाधिकारियों को वृक्षारोपण सम्पन्न होने तक वन विभाग से इतर किसी भी ड्यूटी से मुक्त रखते हुए वन विभाग के वाहनों का भी अधिग्रहण न किया जाये ताकि वृक्षारोपण हेतु किए जाने वाले समयबद्ध कार्यों के सम्पादन में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो तथा समस्त कार्य निर्धारित टाइम लाइन के अनुसार सम्पादित कराया जा सके।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु निर्धारित वृक्षारोपण लक्ष्यों की पूर्ति हेतु जनपद की जिला योजना में वन विभाग की आवश्यकता के अनुरूप परिव्यय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि विश्व कीर्तिमान हेतु निर्धारित तिथि को 24 घन्टे में वृक्षारोपण कार्य हेतु निर्धारित तिथि से 02 दिन पूर्व तथा 02 दिन पश्चात् तक पर्याप्त श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि उक्त अवधि में जनपद में मनरेगा के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त श्रमिकों को उनके ग्राम के निकटस्थ वृक्षारोपण स्थल पर वृक्षारोपण कार्य हेतु निर्देशित कर दिया जाए तथा यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि वृक्षारोपण दिवस पर प्रत्येक वृक्षारोपण स्थल पर पर्याप्त संख्या में श्रमिक उपस्थित रहें।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकास खण्ड को एक सेक्टर तथा प्रत्येक तहसील को एक जोन के रूप में चिन्हित कर खण्ड विकास अधिकारी को अपने ब्लाक हेतु सेक्टर अधिकारी, तहसीलदार को अपने तहसील हेतु जोनल अधिकारी तथा उप जिलाधिकारी को अपने सब डिवीजन हेतु वरिष्ठ जोनल अधिकारी नामित किया जाए।
रंजन ने कहा कि सेक्टर अधिकारियों द्वारा ब्लाक में चयनित वृक्षारोपण स्थलों की सूची प्रभागीय वनाधिकारी से प्राप्त करना तथा इस कार्यक्रम से सम्बन्धित विभिन्न कार्मिकों का चयन करना तथा उनकी स्थलवार तैनाती करना, चयनित कार्मिकों हेतु प्रशिक्षण आयोजित कराना, निर्धारित वृक्षारोपण दिवस पर स्थलवार चयनित कार्मिकों को उनके तैनाती के स्थल पर समय से लाना तथा वापस ले जाना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्कूल काॅलेज, अन्य शिक्षण संस्था के शिक्षक, कर्मचारी, लाइब्रेरियन, लैब असिस्टेन्ट, पोस्ट गै्रजुएट विद्यार्थी, किसी भी पंजीकृत स्वयंसेवी संस्था के सदस्यगण, स्थानीय बैंक, अन्य कार्यालयों के कर्मचारीगण व अधिकारीगणों में से प्रत्येक रोपण स्थल हेतु कम से कम 02 निष्पक्ष गवाह तथा प्रत्येक रोपण स्थल पर रोपित पौधों की गणना हेतु कम से कम 02 निष्पक्ष संप्रेक्षक का चयन उनकी स्वेच्छा से किया जाए।
उन्होंने कहा कि रोपण से पूर्व, रोपण करते समय तथा रोपण के पश्चात् रोपण स्थल का फोटोग्राफ्स तथा वीडियो तैयार करने हेतु प्रत्येक रोपण स्थल के लिए एक-एक फोटोग्राफर तथा वीडियोग्राफर की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
उन्होंने कहा कि सम्बन्धित अधिकारियों, कर्मचारियों, फोटोग्राफरों, निष्पक्ष गवाहों, निष्पक्ष संप्रेक्षकों तथा वृक्षारोपण स्थल स्तर तक नियुक्त समस्त कार्मिकों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाये। उन्होंने कहा कि समस्त प्रशिक्षण कार्य माह मई-2016 से जून-2016 तक जनपद के विकास खण्ड स्तर पर आयोजित कराए जाएं।