नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा के दौरान भी समय के सद्पयोग के प्रति सजग रहते हैं। यही वजह है कि रात को होटल में विश्राम करने के बजाय वह हवाई जहाज में ही नींद पूरी करने को प्राथमिकता देते हैं। इसके लिए वह आमतौर पर अपनी अधिकांश यात्राएं रात में करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी हालिया विदेश यात्रा के दौरान तीन रातें हवाई जहाज में ही बिताई थी, जबकि केवल दो रात के लिए वह होटल में ठहरे। मोदी 30 मार्च से 2 अप्रेल तक बेल्जियम, अमेरिका और सऊदी अरब की यात्रा पर गए थे। इस यात्रा के लिए आमतौर पर छह दिन का समय लगता है।
लेकिन मोदी ने समय प्रबंधन की मिशाल पेश करते हुए इसे मात्र 97 घंटे अर्थात् चार दिन में पूरा कर लिया। प्रधानमंत्री रात को जहाज में ही सोने का निर्णय नहीं करते तो यह असंभव ही था।
उल्लेखनीय है कि दिल्लीर से उड़ान भरने के बाद मोदी ब्रसेल्स पहुंचे। वहां से वाशिंगटन डीसी और फिर यहां से सऊदी अरब के रियाद के लिए उड़ान भर ली। पीएमओ के एक अधिकारी के अनुसार प्रधानमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि विदेश यात्राओं में समय प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा जाए।
इसके लिए रात को होटल में रुकने के बजाय जहाज से सफर किया जाए और इसमें ही रात गुजारी जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास अपार ऊर्जा है और वह उसका अधिकतम उपयोग करने में यकीन करते हैं।
मोदी की विदेश यात्राओं की तुलना यदि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से करें तो पाएंगे कि मोदी ने एक साल में 95 दिन विदेश यात्रा में गुजारे जबकि मनमोहन सिंह ने यूपीए-1 और यूपीए-2 के शुरूआती दो सालों में मात्र 72 दिन विदेश यात्राओं में गुजारे थे। लेकिन उनके मुकाबले मोदी ने अपनी यात्रा में ज्यादा देशों का सफर पूरा किया।
अपनी 20 यात्राओं में ही वह 40 देशों का सफर पूरा कर चुके थे। जबकि मनमोहन सिंह ने यूपीए-1 के दौरान 15 यात्राओं में केवल 18 देशों का सफर किया तो यूपीए-2 में 17 यात्राओं में वह 24 देशों का सफर ही कर पाए।