सबगुरु न्यूज-आबूरोड। भाजपा मंडल की ओर से उपखण्ड अधिकारी माउण्ट आबू पर आबूरोड में निर्माण कार्य को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए निंदा प्रस्ताव पारित करना अब वार्ड बारह की नाली निर्माण करने वाले ठेकेदार पर भारी पड़ता नजर आ रहा है।
भाजपा मंडल के निर्णय के विपरीत शेष भाजपा उपखण्ड अधिकारी के निरीक्षण को कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया हुआ कदम मानकर सक्रिय हो गई है। यही कारण है कि उपखण्ड अधिकारी के निरीक्षण के बाद यहां हो रहे नाली निर्माण को बुधवार को फिर रुकवाया गया।
वैसे पालिकाध्यक्ष का कहना है कि यह नाली निर्माण उस स्थान पर नहीं हो रहा है जहां पर जांच चल रही है, लेकिन स्थानीय लोगों और भाजपा के पदाधिकारियों ने इस वार्ड में बुधवार को हो रहे नाली निर्माण को फिर रुकवाया। उपखण्ड अधिकारी को इसकी सूचना देने के बाद तहसीलदार मनसुखलाल डामोर, पटवारी व आरआई की जांच कमेटी व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने इसकी मौका फर्द बनाई।
अधिकारियों ने इसकी फोटोग्र्राफी व वीडियोग्राफी भी करवाई। उल्लेखनीय है कि 29 मार्च को उपखंड अधिकारी ने उक्त वार्ड में ठेकेदार के साथ मौका निरीक्षण किया था। प्रकरण में अनियमितता की आशंका के कारण तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर पूर्ण जांच के आदेश दिए थे।
-भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष ने भी कर दी मांग
इस कार्य के शुरू होने की सूचना भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष भगवानदास कुमावत को मिली। वह मौके पर पहुंचे। उन्होंने वार्ड बारह के पंजीकृत ठेकेदार मैसर्स जोनवाल कंसट्रक्शन द्वारा नाली निर्माण कार्य में निर्धारित माप व क्वालिटी के स्थान पर आधे-अधूरे निर्माण कार्य प्रकरण में ठेकेदार द्वारा लीपापोती करने, जांच को प्रभावित करने व अपने अधूरे कार्य के बदले पूरा माप एमबी में इन्द्राज करने, किसी भी तरह वार्ड में कार्य पूरा करने की नीयत से मॉर्डन बेकरी के पास व छोटी मस्जिद के पीछे पुराने नाले पर नाली बनाने का कार्य शुरु करने का आरोप जड़ दिया।
कुमावत ने वार्ड में मॉर्डन बेकरी के पास ओर छोटी मस्जिद के पीछे पुराने नाले पर निर्मित की जा रही नाली निर्माण की जांच कराने एवं भ्रष्टाचार व घोटाले की जांच को प्रभावित करने पर दोषियो के विरुद्ध तत्काल एफ.आईआर दर्ज कराने की मांग की।
-पूर्व पालिकाध्यक्ष का पालिकाध्यक्ष पर आरोप
इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व पालिकाध्यक्ष अर्जुनसिंह ने भ्रष्टाचार के मामलों में पालिकाध्यक्ष सुरेश सिंदल पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान पालिकाध्यक्ष ने पूर्व पालिकाध्यक्ष अश्विन गर्ग के कार्यकाल में हुई अनियमितता की जांच करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन जांच तो दूर उन्होंने उस दौरान हुई अनियमितता की जांच के लिए भी पत्रावलियां उपलब्ध नहीं करवाई हैं।
जांच अधिकारी इसके लिए चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकप्रियता हासिल करने के लिए पालिकाध्यक्ष भ्रष्टाचार के मामलों की जांच का दावा करते हैं। वहीं दूसरी तरफ एसडीएम की जांच कार्यवाही को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर बताकर जांच नहीं होने देना चाहते है।
-उपाध्यक्ष भी चेते
पूर्व पालिकाध्यक्ष, पूर्व मंडल अध्यक्ष के बाद अब पालिका के वर्तमान अध्यक्ष गणेश आचार्य भी वार्ड संख्या 12 में हो रहे नाली निर्माण प्रकरण में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने अधिशासी अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपकर वार्ड बारह में छोटी मस्जिद के पीछे बनाई जा रही नाली की संपूर्ण जानकारी देने की मांग की है। उन्होंने घटिया क्वालिटी के काम की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है।
~इनका कहना है…
भ्रष्टाचार पर दोहरे मापदण्ड का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। इस मामले की जांच के लिए आदेश जारी करने को अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षर से पत्र जारी होगा। वह अभी हैं नहीं, आते ही उनके हस्ताक्षर करवाकर जां करवाई जाएगी। भ्रष्टाचार के पूरी तरह खिलाफ हैं, वास्तविकता सामने आएगी।
-सुरेश सिंदल, पालिकाध्यक्ष, आबूरोड।