नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने वसंतकुंज में 2700 करोड़ रुपए की विवादित जमीन के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के खिलाफ फैसला सुनाया है।
न्यायाधीश अनिल आर दावे की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को डीडीए की ओर से जमीन पर दावे की याचिका को खारिज कर दी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने डीडीए की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि डीडीए ऐसा कोई सबूत या तथ्य पेश नहीं कर पाई है जिससे कि यह माना जा सके कि विवादित भूमि डीडीए की है। इसलिए डीडीए के जमीन पर मालिकाना हक के दावे को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार की तरफ़ से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने कोर्ट से कहा कि बच्चों की शिक्षा की जगह को केवल बच्चों को ही देना चाहिए। इस विवादित जगह पर दिल्ली सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपया एक अन्य स्कूल के निर्माण के लिए जारी किया जा चुका है।
जानकारी हो कि वसंतकुंत में कथूरिया पब्लिक स्कूल के पास मार्केट रेट के हिसाब से कथूरिया नामक एक उद्योगपति के पास 2700 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। इस जमीन के एक हिस्से पर कथूरिया पब्लिक स्कूल बना हुआ है और स्कूल के साथ लगती 13 एकड़ जमीन अभी भी खाली पड़ी है।
इस जगह को स्कूल के लिए इस्तेमाल करने की बजाए व्यवसायिक गतिविधियां शुरू कर दी गई। जिसे दिल्ली सरकार ने रोक दिया था इसको लेकर डीडीए ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और जमीन पर मालिकाना हक का दावा पेश किया था।