रानाघाट। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के खिलाफ अपना रूख बरकरार रखते हुए कहा कि वह जो चाहे करेंगी और जो चाहे कहेंगी और पुलिस अधिकारियों के तबादले से उनकी पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
आदर्श चुनाव आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर चुनाव आयोग की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी होने के एक दिन बाद ममता ने नादिया जिले में चुनावी सभाओं में कहा कि मैं जो चाहे करूंगी और जो चाहे कहूंगी। अगर कोई मुझे धमकाएगा तो मैं चिंघाड़ूंगी।
पुलिस अधिकारियों के तबादले से हमारी तृणमूल की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम सियासत में धमकियों पर यकीन नहीं करते।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चुनाव आयोग अकारण ही पुलिस अधिकारियों का तबादला कर रहा है, लेकिन पुलिस के कुछ आईसी और ओसी के तबादले से बाकी एकताबद्ध होंगे। सभी पुलिस अधिकारी हमारे लोग हैं।
ममता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सिर्फ विपक्ष प्रायोजित सिंडिकेटों की शिकायत पर कार्रवाई कर रहा है और पुलिस अधिकारियों का तबादला कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग इस अपमान को बरदाश्त नहीं करेंगे। तृणमूल के सात कार्यकर्ता चुनावी हिंसा में मारे गए हैं। चुनाव आयोग ने क्या कदम उठाए? यह सिर्फ विपक्ष प्रायोजित सिंडिकेटों की शिकायत पर कार्रवाई करना जानता है।
ममता ने दावा किया कि 19 मई को जैसे ही चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे, उन्हें विपक्ष को आश्चर्य होगा क्योंकि उनके सपने बिखरेंगे।
उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी अहम भूमिका निभाएगी। बंगाल दिल्ली को राह दिखाएगा।