पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एडवांटेज कॉन्क्लेव 2016 बिहार 3.0 उम्मीद की उड़ान कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि एडवांटेज कॉन्कलेव उम्मीद की उड़ान में आमंत्रित करने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न हिस्सों एवं बाहर से लोग आए हैं। इस कॉन्कलेव कार्यक्रम में अपना विचार व्यक्त करेंगे। बिहार के संदर्भ में जो उनकी बातचीत होगी, उसका जो नतीजा निकलेगा, उससे मुझे भी अवगत कराया जाए। उस नतीजे को आयोजकों द्वारा प्रकाशित भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का इतिहास गौरवशाली है। देश का इतिहास बिहार के इतिहास के बिना अधूरा है बिहार का इतिहास पूरे देश ही इतिहास नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता का इतिहास है। उन्होंने कहा कि आज का दौर इवेंट मैनेजमेंट का दौर है बल्कि इवेंट से ज्यादा मैनेजमेंट महत्वपूर्ण हो गया है। मेरी राय इससे अलग है। इवेंट मैनेजमेंट कुछ देर का सुकून देता है लेकिन उसे ज्यादा गहराई में जाने की जरूरत है। लोगों के विकास के लिए जो भी कार्य किया जाता है, वो लोगों तक स्वतः ही पहुंच जाता है।
शराबबंदी के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी को बिहार में व्यापक समर्थन मिला है। शराब का व्यापार करने वालों को तकलीफ है। होटल में लोग सिर्फ शराब पीने थोड़े ही जाते हैं, होटल में खाना खाने एवं रहने भी जाते हैं। होटल व्यवसायी द्वारा शराबबंदी के संबंध में बोलने से उनके संस्थान का दुष्प्रचार होता है। ऐसा लगता कि उनके होटल में लोग सिर्फ शराब पीने ही जाते थे। शराब पीने के विरोधी लोग आपके यहां जाना बंद कर देंगे।
उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी से कितनी खुशी है, इसकी कल्पना यहां पर रहकर नहीं की जा सकती। दो-तीन जिलों में मैं गया, शराबबंदी से सिर्फ महिलाएं ही नहीं, पुरूष भी खुश हैं। यहां तक कि शराब पीने वाले भी खुश हैं। मैं अररिया गया, वहां पर महिलाओं/लोगों द्वारा बताया गया कि गांव में अब शांति है। शाम के बाद कोई हंगामा नहीं होता है बल्कि जो पुरूष शराब पीकर देर घर आते थे, वो अब महिलाओं को उनके घरेलू कार्य जैसे- खाना बनाना में मदद कर रहे हैं। लोगों को मिजाज बदल रहा है। समाज बदल रहा है, सबको इसे समझना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले देशी एवं मसालेदार शराब को बंद किया गया था। माहौल इतना अच्छा बन गया विभिन्न जन जागरूकता अभियान के कारण जैसे- एक करोड़ 19 लाख अभिभावकों ने शराब नहीं पीने तथा दूसरों को शराब नहीं पीने देने के संदर्भ में शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए, इसके अलावा नौ लाख जगहों पर लेागों ने शराबबंदी के संदर्भ में नारे लिखे। माहौल इतना अच्छा बन गया कि हमने तत्काल प्रभाव से पूर्ण शराबबंदी लागू की। शराबबंदी के कारण आज कल अपराध की घटनाओं में भी कमी आई है।
शिक्षा के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पहले साढ़े बारह प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर थे, जो अब 0.86 प्रतिशत हो गया है। अब शिक्षा के गुणवता पर ध्यान दिया जा रहा है। लड़कियां पहले मिडिल स्कूल तक ही पढ़ती थी। आज लड़कियों की संख्या मध्य विद्यालयों एवं उच्च विद्यालयों में बढ़ी है। आज छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग बराबर हो गई है। अब उच्च शिक्षा पर भी ध्यान है। मात्र तेरह प्रतिशत छात्र-छात्राएं ही 10वीं कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई करते हैं। गरीबी के कारण वे आगे की पढ़ाई नहीं जारी रख पाते हैं। वे आगे की पढ़ाई जारी रखें इसलिए प्रत्येक छात्र को चार लाख रूपए की सीमा का स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा।
बैंकों से बात कर ली गई है, तकनीकी एवं सामान्य शिक्षा दोनों के लिए दिया जाएगा स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड। दो अक्टूबर 2016 से लागू हो जाएगी यह योजना। इसके लिए सभी जिलों में जिला पंजीकरण केन्द्र खोला जा रहा है। इस केन्द्र पर छात्र स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड, कौशल विकास तथा स्वयं सहायता भता एवं अन्य सुविधाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। 20 से 25 वर्ष के युवा जो आगे पढ़ना नहीं बल्कि रोजगार तलाशना चाहते हैं, उन्हें दो साल के लिए हर माह एक हजार रूपए सहायता भता के रूप में दिया जा जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि बिहार का जीईआर कम से कम पचास प्रतिशत तक पहुंचे। यह हमारे सात निश्चय में से एक है।
नीतीश कुमार ने कहा कि कि हमारे सात निश्चय में से एक निश्चय महिला सशक्तिकरण का था। हमने महिलाओं को स्थानीय निकायों में पचास प्रतिशत का आरक्षण दे दिया है। इसके अलावा पुलिस भर्ती में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया था। अब सरकार की सभी नियुक्तियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा। हमने अपने सात निश्चय में से एक निश्चय को लागू कर दिया है। स्वयं सहायता समूह के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूह बनाने के मामले में बिहार पहले काफी पीछे था। फिर वर्ल्ड बैंक से सहायता लेकर जीविका कार्यक्रम शुरू किया गया।
पूर्व में यह छह जिलों के 34 प्रखण्डों में शुरू किया गया। हमारे जीविका के मॉडल को पूरे देश में अपनाया गया। हमारा लक्ष्य है कि हम महिलाओं के दस लाख स्वयं सहायता समूह बनाएं। अब तक लगभग पंच लाख स्वयं सहायता समूह बना लिए गए हैं। इससे महिलाओं में एक आत्मविश्वास बना है। हमारी आधी आबादी का सशक्तिकरण हो रहा है। साक्षरता के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि साक्षरता के डेकडल ग्रोथ रेट के लिए बिहार को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया गया है। अभी भी हम नीचे हैं। हमें काफी आगे जाना है।
बिहार के विकास के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के विकास लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिले बिना कोई भी बड़ा निवेश बिहार में नहीं हो सकता है। हमारे नीतियों के कारण अब तक बिहार में आठ हजार करोड़ रूपये का निवेश हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना बड़ा निवेश के भी बिहार का विकास दर दो अंकों में है। बिहार में पब्लिक निवेश हो रहा है। बिहार का ग्रोथ मॉडल इन्सानों को प्राथमिकता देता है। बिहार का विकास अब रूकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सात निश्चय का क्रियान्वयन डिसेन्टरलाइज तरीके से करेंगे।