उदयपुर। सेवा भारी की उदयपुर ईकाई की ओर से विद्यानिकेतन सेक्टर – 4 में 21 कुंडीय सामाजिक समरसता यज्ञ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बडी संख्या में लोगों ने बढ चढकर शिरकत की।
इस मौके पर गुरूमाई साध्वी भुवनेश्वरी धुनी आश्रम रकमपुरा ढीकली ने अपने आशिर्वचन व्यक्त करते हुए कहा कि यज्ञ एवं हवन अपने स्वयं के लिए नहीं, विश्व कल्याण,मानव कल्याण एवं समष्टि कल्याण के लिए होते हैं तभी उनकी व्यापक सार्थकता हैं। हम सभी समष्टि में एक साथ है, साथ मिलकर किए गए हवन – मंत्रोच्चारण का ज्यादा लाभ प्राप्त होता हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. भगवती प्रसाद शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मनन करने वाले की रक्षा करें वही मंत्र है। सभी लोग एक दूसरे को भातृत्व भाव से देखें, सभी जीवधाारियों के प्रति श्रद्धा रखें, सभी की चिन्ता करें, प्राणिमात्र में ईश्वर के दर्शन करें, व्यक्ति-व्यक्ति में भेद का भाव नहीं रहें, हम सब समान हैं यह भाव जागृत करें यहीं सामाजिक समरसता का भाव हैं। वर्तमान में इस प्रकार के भाव जगााने की आवश्यकता हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड प्रान्त प्रचारक विजयानन्द ने कहा कि कालान्तर में समाज में एक वर्ग के साथ अछूत का व्यवहार किया जाता रहा जिसके कारण वह वर्ग सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड गया।
आज समाज में व्याप्त इस भेदभाव को समाप्त कर सामाजिक समरसता स्थापित करने का कार्य सेवाभारती, गायत्री परिवार जैसी संस्थाए कर रही हैं। सामूहिक स्तर पर कन्या पूजन, सामाजिक समरसता यज्ञ एवं सर्व जातिय सामूहिक विवाह जैसे कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष सेवा भारती क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रामप्रसाद सोनी ने सेवा भारती का परिचय, कार्यक्रम एवं गतिविधियों की जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि समाज सेवी सुभाष जैन ने भी विचार व्यक्त किए।
मंत्री रघुनाथ दत्त माथुर ने बताया कि यज्ञ-हवन के इस कार्यक्रम में 150 परिवारों के साथ अनेक समाजजनों ने भाग लिया। गायत्री परिवार से ओमप्रकाश पारिक, अर्जुनलाल सनाढ्य एवं दीपा परमार के आचार्यत्व में सभी सदस्यों ने यज्ञ-हवन के इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराया।
अतिथियों का स्वागत अनिल हाथी, रघुनाथ दत्त माथुर, प्रकाश सोनी, नाहरसिंह तंवर एवं प्रेमसिंह सिसोदिया द्वारा तिलक, उपरना, प्रतीक चिन्ह एवं साहित्य भेंट कर किया। आभार सुरेन्द्र रावल ने एवं संचालन गोपाल कनेरिया नेे किया।