चंडीगढ़। कैप्टन अमरेंद्र सिंह समर्थकों की तमाम उम्मीदें धराशायी करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया। इससे कै. अमरेंद्र के साथ-साथ उनके समर्थकों में भी निराशा का आलम है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राहुल ने यह कदम पार्टी की चुनावी रणनीति के तहत ही उठाया है।हालांकि, पार्टी के कई हलकों में अटकलें थीं कि कार्यकत्र्ताओं से रूबरू होने के दौरान राहुल गांधी कै. अमरेंद्र सिंह को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित कर देंगे।
हालांकि, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। इसे लेकर अब पार्टी हलकों में जोरदार चर्चा छिड़ी है। राहुल के चंडीगढ़ दौरे पर मीडिया के बार-बार पूछने पर राहुल ने सिर्फ यही कहा कि अमरेंद्र कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हैं। वह पार्टी को चुनावी जंग में लीड करेंगे लेकिन मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक ही करेंगे।
सूत्र बताते हैं कि विधायक दल का नेता चुनने की तो यही प्रक्रिया है लेकिन इसका कोई खास नियम नहीं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राहुल ने खुद अमरेंद्र को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया था लेकिन इस बार कांग्रेस दूसरी रणनीति अपना रही है।
सूत्रों का कहना है कि अमरेंद्र को प्रताप सिंह बाजवा के स्थान पर पुन: प्रदेशाध्यक्ष बनने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। इस दौरान राहुल से उनके संबंध भी तनावपूर्ण हो गए। ऐसे में संभवत: राहुल अमरेंद्र पर अपना और हाईकमान का कंट्रोल बनाए रखना चाहते हैं।