नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की ओर से दायर केन्द्रीय मंत्रालयों व आयकर विभाग के दस्तावेज के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नेशनल हेराल्ड मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका पर उच्च न्यायाल ने सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले निचली अदालत ने गत 11 फरवरी को याचिकाकर्ता भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर वित्त एवं कॉरपोरेट मामलो के मंत्रालय, आयकर विभाग व अन्य एजेसियों से दस्तावेज को समन किया था।
मामले में न्यायाधीश पीएस तेजी की पीठ के समक्ष अखिल भारतीय काग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा और यंग इडिया लिमिटेड ने निचली अदालत के फैसले को रद करने की मांग की थी।
इसमें उनकी ओर से यंग इडिया लिमिटेड समेत अन्य याचिकार्ताओं के वकीलों ने तर्क रखा है कि निचली अदालत द्वारा मामले में तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। निचली अदालत ने मामले में समन जारी करने से पहले उनका पक्ष नहीं लिया। ऐसे में निचली अदालत का फैसला गैरकानूनी है और उसे रद्द किया जाए।
वहीं सुब्रमण्यम स्वामी की दलील है कि ऐसा कोई नियम ही नहीं है कि समन जारी करने से पहले, दूसरे पक्ष से उसका पक्ष जानना अनिवार्य है। फिलहाल आदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।