मॉस्को/नई दिल्ली। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के विषय में दोहरे मापदंड अपनाने के लिए चेतावनी दी और कहा कि ऐसा रवैया न कि केवल भारत, रूस और चीन के लिए खतरा पैदा कर सकता है बल्कि पूरे विश्व को इससे भारी हानि पहुंच सकती है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को मॉस्को में रूस, भारत, चीन (आरआईसी) समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा भारत का विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विश्व की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है।
आरआईसी देशों को चाहिए कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक जुट करके संयुक्त कार्रवाई के माध्यम से आतंकवाद को मिटा दे। यह काम संयुक्त राष्ट्र संघ में भी हो सकता है। उन्होंने इस विषय पर सफलता न मिलने के विरुद्द चेतावनी दी।
स्वराज ने कहा यह उनकी दूसरी आर आई सी विदेश मंत्रियों की बैठक है और पिछली बैठक चीन की राजधानी बीजिंग में फरवरी 2015 में हुई थी। ये बैठकें तीनों देशों को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा और विकास के मुद्दों पर विचार विमर्श के अवसर प्रदान करती हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के सन्दर्भ में उन्होंने कहा इस विषय में एक सकारात्मक पहल हुयी थी जब एक प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय वार्ता के लिए पटल पर रखा गया था। परन्तु इस विषय में अधिक तात्कालिकता का होना अनिवार्य है।
स्वराज ने अंतर्राष्ट्रीय विचार विमर्श को आगे ले जाने के लिए रूस और चीन से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा आर्थिक मंदी ने सभी देशों की अर्थ व्यवस्था और विकास के लिए नए मुद्दों को जन्म दिया है और भारत, रूस और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं एक तरह का दृष्टिकोण रखती हैं। तीनों देशों के दृष्टिकोणों का समन्वय करने से फायदा हो सकता है।
ब्रिक्स इस विषय में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण तंत्र हो सकता है। स्वराज ने कहा कि भारत सभी ब्रिक्स सदस्य देशों का इस वर्ष के गोवा शिखर सम्मेलन में स्वागत करता है।