नई दिल्ली। केन्द्र सरकार दालों की कीमत और उपलब्धता पर नजर रखी हुई है, इसके लिए सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ निजी आयातकों ने भी दालें मंगवाई है। निजी आयातकों के माध्यम से 55 लाख मीटिक टन दालें आयात की गई है, जो गत वर्ष से दस लाख मीट्रिक टन ज्यादा हैं। सरकार के इस कदम दालों की कीमतों पर कितना असर पड़ेगा यह आने वाले दिनों में पता चल जाएगा।
केन्द्र सरकार शीर्ष स्तर पर मांग और उपलब्धता पर नियमित रूप से नजर रखी जा रही है। केंद्र सरकार ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे दाल की अपनी-अपनी मांगें बताएं ताकि सुरक्षित भंडार से दाल जारी करने का काम सुनिश्चित हो सके।
सरकारी एजेंसियों द्वारा इस वर्ष 50,000 मीट्रिक टन दाल उठाई गई हैं और वर्ष के दौरान 25,000 मीट्रिक टन दाल आयात के लिए अनुबंध किया गया। इस वर्ष निजी कारोबारियों ने 55 लाख मीट्रिक टन दाल का आयात किया है। यह आयात पिछले वर्ष के आयात से 10 लाख टन अधिक है।
दाल की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए राज्यों को स्टाक की सीमा लागू करने तथा जमाखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की शक्ति दी गई है।
सरकार ने दाल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए तुअर और उड़द की दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 275 रुपये बढ़ाया है। मूंग दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 250 रुपये बढ़ाया है।