जम्मू। एनआईटी श्रीनगर के स्थान बदले जाने की बाहरी छात्रों की मांग को सरकार द्वारा नकारे जाने के बाद अब बाहरी छात्रों ने मांग की है कि सुऱक्षा के मध्येनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर एचआरडी मंत्री समृति इरानी एनआईटी श्रीनगर के कैम्पस में तिरंगा लगाएं।
स्मृति इरानी को सौंपे गए एक पत्र में बाहरी छात्रों ने अपनी 19 मांगों को उजागर किया है। जिसमें कैम्पस में सीआरपीएफ की स्थायी तौर पर तैनाती, कालेज प्रशासन में फेरबदल, छात्र काउंसल का बनना, परिक्षा पत्र की कैम्पस के बाहर जांच तथा संस्थान में राष्ट्रीय त्यौहार मनाना जैसी अनेक मांगों का एक पत्र एचआरडी अधिकारियों को सौंपा गया।
छात्रों ने मांग की कि या तो एचआरडी मंत्री या फिर देश के प्रधानमंत्री बच्चों के साथ एनआईटी श्रीनगर जाकर वहां अपने हाथों से तिरंगा लगाएं। ऐसा करना सब परेशानियों का अंत होगा तथा बाहरी छात्रों में एक सुरक्षा की भावना जागृत होगी।
इससे यह साबित होगा कि कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है तथा छात्रों में मनोविज्ञानिक तौर पर असर होगा और इससे राष्ट्र विरोधी तत्वों की कैम्पस में व उसके बाहर हार होगी। यह सब छात्रों ने पत्र में लिखा।
बाहरी छात्रों ने यह भी मांग की कि कैम्पस में हाल ही में हुई हिंसा के दोषियों के खिलाफ जांच हो। वहीं पिछले हफते बाहरी छात्र एचआरडी मंत्री स्मृति इरानी से मिले थे जिसके बाद उन्होंने एनआईटी श्रीनगर के कैम्पस का स्थान बदलने से इंकार कर दिया था मगर उन्होंने यह भरोसा दिलाया था कि अकेडमिक मामलों में वह छात्रों की पूरी मदद करेंगी।
बताते चलें कि एनआईटी श्रीनगर एक अप्रैल से विवाद का केंद्र बना हुआ है। जब वर्ल्ड टी20 में भारत की वेस्टइंडीज के हाथों हुई हार पर स्थानीय छात्रों ने खुशी जताई थी तथा इसी बात पर बाहरी व स्थानीय छात्रों के बीच हाथापाई भी हुई थी।
यह स्थिति तब ज्यादा बिगड गई जब इसके विरोध में बाहरी छात्रों ने कैम्पस के बाहर मार्च निकालने की कोशिश की जिसमें पुलिस ने उन्हे रोकने के लिए बुरी तरंह से उनपर लाठीचार्ज का प्रयोग किया था।