रांची। झारखंड की राजधानी रांची में पहाड़ी मंदिर पर 23 जनवरी को फहराया गया देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज आंधी के चलते आधी उंचाई पर फंस गया है और उसे ससमान नीचे उतारने के लिए जिला प्रशासन मचान बनाने में जुटा है।
रांची के उपायुक्त मनोज कुमार ने बताया कि पहाड़ी मंदिर पर 23 जनवरी को फहराया गया राष्ट्रीय ध्वज तेज हवा और आंधी के चलते फिसलकर पोल की आंधी उंचाई पर अटक गया है जिसे ससमान नीचे उतारने के लिए मचान बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि इस वर्ष स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर 23 जनवरी को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 66 फुट गुणा 99 फुट के देश के इस सबसे बड़े राष्ट्रीय ध्वज को पहाड़ी मंदिर पर बनाए गए 293 फुट उंचे खंभे पर फहराया था। लेकिन फहराये जाने के बाद से ही लगातार ध्वज किसी न किसी तकनीकी कारण से बदला जाता रहा है।
केन्द्रीय उपक्रम मेकान द्वारा बनाए गए डिजाइन के आधार पर खड़े किए गए खंभे और उसमें लगी लोहे की तार की बनावट के कारण कई बार राष्ट्रीय ध्वज उसमें फंस कर फट गया और उसे बदलना पड़ा है।
राष्ट्रीय ध्वज को लेकर पहाड़ी मंदिर ट्रस्ट बहुत उत्साहित रहा है लेकिन अब वह इसे व्यवस्थित ढंग से फहरा पाने में सफल न हो पाने पर परेशान महसूस कर रहा है।
मंदिर ट्रस्ट के प्रवक्ता मुकेश अग्रवाल ने कहा कि ध्वज आंधी के चलते पोल के शिखर से फिसलकर आधी उंचाई पर आ गया है जिसे उतारने को लेकर दीपाटोली कैंट के सैन्य अधिकारियों ने भी स्थिति का मुआयना किया था। उन्होंने बताया कि अगले तीन चार दिनों के भीतर ध्वज को ससम्मान उतारने और नया ध्वज उचित ढंग से फहराने की कोशिश की जा रही है।