इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फिल्म संता-बंता प्रा.लि. के प्रदर्शन को बंद करने की मांग में दायर सिखों की याचिका खारिज कर दी।
संता बंता फिल्म के प्रदर्शन पर रोक से इंकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह फिल्म सुप्रसिद्ध सिख लेखक खुशवंत की किताब में लिखी कथानक पर आधारित है।
यही नहीं सेंट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन मुम्बई ने भी इस फिल्म के प्रदर्शन को देखने के बाद सही ठहराया है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि इस फिल्म के प्रदर्शन से सिख समुदाय के लोगों को किसी भी प्रकार का ठेस पहुंचेगा।
यह आदेश न्यायाधीश वी.के.शुक्ला व न्यायाधीश यू.सी.श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने प्रबंधक कमेटी, केन्द्रीय गुरूद्वारा व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म में सिखों को मूर्ख व जोकर के रूप में होना दिखाया गया है। जो उनके सम्मान के खिलाफ है। केन्द्रीय फिल्म प्रसारण बोर्ड व केन्द्र सरकार की तरफ से अधिवक्ता गौरव कुमार चन्द्र का तर्क था कि प्रसारण बोर्ड ने हर पहलुओं को देखने के बाद इस फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति दी है।
कहा गया था कि बोर्ड एक जिम्मेदार विधिक संस्था है इस नाते उसके निर्णय पर उंगली नहीं उठायी जा सकती।