उज्जैन। इस बार सिंहस्थ में जनता को आधुनिकता और आस्था के साथ अध्यात्म का अनोखा सामंजस्य देखने को मिल रहा है। मेला क्षेत्र में परम्परागत अखाड़ों के साथ-साथ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय जैसे संगठन भी जनता को मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान और प्रेरणा देने के लिए अत्याधुनिक तकनीक के साथ आए हैं।
सिंहस्थ के इतिहास में यह पहली बार है कि दत्त अखाड़ा क्षेत्र में बड़नगर रोड पर लगाए गए सत्यम शिवम् सुन्दरम् आध्यात्मिक मेले में देवताओं और असूरों के मध्य हुए समुद्र मंथन का मूविंग मॉडल प्रस्तुत किया जा रहा है जो कि जीवन्त दृश्य की तरह अनुभव होता है।
इस चार विमीय 4-डी वीडियो शो की अवधि 10 मिनट है जो शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक दिखाया जाता है। शो के अंत में महाकाल की आरती कर सभी श्रद्धालु प्रस्थान करते हैं।
इस मॉडल के माध्यम से सिंहस्थ महाकुम्भ का आध्यात्मिक रहस्य बताया जा रहा है समुद्र मंथन की प्रचलित कथा और किसी की नहीं अपितु ये हमारी और आपकी ही कहानी है। देवतायें हमारे अन्दर छिपे दैवीय गुणों का, असुर हमारी आसुरी वृत्तियों का, मंथराचल पर्वत – मन के द्वन्दात्मक स्थिति का, विषधर नाग रूपी रस्सी हमारे अंदर के 5 विकारों तथा ये क्षीरसागर और कुछ नहीं संसार का ही प्रतीक हैं। वर्तमान समय हम सभी के अंदर ये मंथन रूपी संघर्ष निरंतर चल रहा हैै और हमारे इस अन्त द्वन्द्व का प्रभाव प्रकृति पर भी स्पष्ट झलक रहा है।
ऐसे महाप्रलयंकारी वर्तमान समय पर, मानव का करूण क्रंदन सुनकर हम आत्माओं के पिता निराकार ज्योतिबिन्दु परमात्मा शिव कालों के काल महाकाल भी अपना वचन निभाने स्वंय इस धरा पर अवतरित हुए हैं और अब वो स्नेह के सागर, दया के सागर, करूणा निधान, अपने बिछुड़े हुए बच्चों को ज्ञान के अमृत का पान कराकर उन्हें पावन बना रहे हैं।