हैदराबाद। पीएम मोदी की गोल्ड मॉनेटाइजेशन योजना के सफल होने की आस एक मंदिर के भरोसे बंधी है। दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में गिने जाने वाले श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन संभाल रहे तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम यानी टीटीडी अपना 7.5 टन गोल्ड इस स्कीम में लगाने की पर विचार कर रहा है।
टीटीडी ने हाल ही में इस स्कीम के तहत अपना 1.3 टन सोना पंजाब नेशनल बैंक में जमा कराया था। हालांकि, टीटीडी ने अपना पूरा सोना इस स्कीम में लगाने से सरकार से आग्रह किया है कि वह उसके लिए नियमों में कुछ ढील दे।
टीटीडी के एग्जिक्युटिव ऑफिसर डी संबाशिवा राव का कहना है कि हमारे पास करीब 7.5 टन सोना है। इसमें से अधिकतर विभिन्न स्कीमों के तहत बैंकों में जमा है। हम पूरे सोने को गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में लगा सकते हैं।
क्या है गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में तीन तरह से सोना लगाया जा सकता है। शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म। शॉर्ट टर्म स्कीम के तहत ब्याज सोने के रूप में निवेशक को दिया जाता है। मीडियम और लांग टर्म में मूल धन को नकदी या सोने के रूप में अदा किया जा सकता है, जबकि 2.5 फीसदी ब्याज सिर्फ नकदी के रूप में दिया जाता है।
स्कीम में यह बदलाव की मांग
टीटीडी के एग्जिक्युटिव राव ने कहा कि मीडियम और लांग टर्म के तहत हमने सरकार से कहा है कि वह स्कीम के कुछ नियमों में बदलाव करे। मीडियम और लॉन्ग टर्म के तहत वह 2.5 प्रतिशत का ब्याज देती है। समस्या यह है कि मूल धन को नकदी के रूप में लौटाया जाएगा, सोने के रूप में नहीं।
हम चाहते हैं कि मूल धन को सोने के रूप में लौटाया जाए। हमें कैश नहीं चाहिए। अब सरकार इस पर सहमत हुई है। सोने पर ब्याज का मूल्यांकन उसे जमा कराने के वक्त से किया जाएगा, रिटर्न के वक्त पर नहीं। हमने इस नियम में बदलाव का आग्रह किया है।