नई दिल्ली। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने कोयला आवंटन घोटाले में राज्यसभा सांसद विजय दर्डा और अन्य की भूमिका की फिर से जांच करने के आदेश जारी किए हैं। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पाराशर ने गुरूवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोयला आवटन घोटाले में जेएएस इंफ्रास्ट्रेक्चर एंड पावर तथा अन्य की भूमिका की फिर से जांच करने के भी निर्देश दिए।
सीबीआई इन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट अदालत को सौंप चुकी है। अदालत ने सीबीआई से इस मामले की प्रगति रिपोर्ट 19 दिसंबर को सौंपने को कहा है। इस मामले में जेएलडी यवतमाल एनर्जी और इसके निदेशकों विजयदर्डा और उनके पुत्रों तथा अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश दत्तू ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा था कि वहां कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ गैरसरकारी संगठन द्वारा लगाए गए आरोपों में कुछ विश्वसनीयता दिखती है। विशेष सरकारी वकील आनंद ग्रोवर ने कहा कि सिन्हा ने 2जी मामले में हस्तक्षेप किया जो एजेंसी के रूख के बिल्कुल विपरीत है। यदि सिन्हा की राय स्वीकार कर ली जाती तो इस मामले में उनका पक्ष ध्वस्त हो जाता। न्यायालय ने इस मामले की जांच से सीबीआई अधिकारी संतोष रस्तोगी को हटाए जाने को उसके आदेश का मजाक उड़ाने जैसा करार दिया।
गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि रस्तोगी घर के भेदी बन गए थे और उन्होंने ही सीबीआई की पत्रावलियों पर की गई टिप्पणियों और अन्य दस्तावेजों को गैर सरकारी संगठन को उपलब्ध कराए थे और उनके ही आधार पर आधारहीन और गलत मामला बनाया गया।
न्यायालय ने गुरूवार को कोर्ट कक्ष में भारी संख्या में सीबीआई के कई अधिकारियों की मौजूदगी पर भी नाखुशी जाहिर की। अदालत कक्ष में सीबीआई के करीब आठ अधिकारी थे मौजूद थे, जिन्हें न्यायालय ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। खंडपीठ ने सेंटर फॉर पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोग यहां क्या कर रहे हैं, यहां से चले जाएं और अपना काम करें।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ लगाए गए आरोपों का बचाव करने के लिए संयुक्त निदेशक अशोक तिवारी की भी खिंचाई की। उन्होंने कहा कि आप सीबीआई निदेशक के एजेंट नहीं हैं। आप क्यों अपने विचार रख रहे हैं, आप उनके प्रवक्ता नहीं हैं। गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक पर टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोपियों से मिलने-जुलने का आरोप है।