आबूरोड। भैसासिंह के निर्माणाधीन बांध में पानी की आवक हुई है। इससे शहर की प्यास बुझाने के साथ सिंचाई के लिए भी पानी सुलभ हो सकेगा। सिंचाई विभाग द्वारा बांध में पेयजल आपूर्ति के लिए पानी की मात्रा सुरक्षित कर दी गई है। साथ ही शहर की पेयजल योजना को पंख लग जाएंगे।
इसी के चलते जलदाय विभाग की ओर से भी योजना पर कार्य शुरु कर दिया गया है। विभाग की ओर से शेयर कॉस्ट का एजेंडा बनाकर राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। शेयर की सैक्शन होते ही प्रपोजल बनाकर भेजे जाएंगे। सब कुछ ठीक रहा तो भैसासिंह बांध शहर वासियों को पेयजल किल्लत से निजात दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा।
दो दशकों लम्बे अंतराल के बाद बांध बनने का सपना हकीकत में बदला है। हालांकि 817 लाख की लागत से बनने वाले बांध व कैनाल का कार्य अभी बाकी है। लगातार रुकावटों के ग्रहण के बाद बनने वाले बांध से अंचल में सिंचाई के लिए पानी सुलभ होगा। बांध बनने के साथ ही मानसून के प्रभावी रहने से बांध में पानी की लगातार आवक हुई है। ऐसे में बांध में बड़ी मात्रा में पानी एकत्रित हो चुका है।
सिंचाई विभाग की ओर से सिंचाई व पेयजल के लिए पानी की मात्रा रिजर्व की जा चुकी है। साथ ही सिंचाई विभाग द्वारा जलदाय विभाग को 769 लाख की शेयर कॉस्ट के बारे में पत्र लिखा जा चुका है। बांध के पूरा बनने व भरने से क्षेत्र के भूमिगत जलस्तर में बढ़ोतरी होगी। साथ ही सिंचाई व पेयजल के लिए पानी सहज ही सुलभ होगा।
आंकड़ों की जुबानी
लगातार रुकावटों के चलते बंाध की निर्माण लागत में इजाफा होता रहा। 817 लाख की लगात से बने भैसासिंह बांध की नाला बोड से ऊंचाई 29 मीटर है। वहीं बांध की चौड़ाई 22 मीटर है। बांध में 11 मीटर का गेज है। बांध की भराव क्षमता 179 एमसीएफटी है। बांध में 16 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज है। साथ ही 163 लाइव स्टोरेज है। इसमें से 80 एमसीएफटी पानी सिंचाई व 83 एमएफटी पानी पेयजल के लिए सुरक्षित है। सिंचाई के लिए आरक्षित किए गए पानी से 350 हैक्टेयर मेें सिंचाई होगी
स्वीकृति का इंतजार
बांध से पेयजल आपूर्ति के लिए उच्चस्तरीय बैठकें भी हो चुकी है। इसी के चलते वर्ष 2005 में जलदाय विभाग व सिंचाई विभाग के सचिवों की बैठक हुई। इसमें 83 एमसीएफटी पानी पेयजल के सुरक्षित रखनेका निर्णय किया गया। इसी क्रम में जलदाय विभाग की ओर से शेयर कॉस्ट का एजेंडा बनाकर राज्य सरकार को भेजा चुका है। शेयर की स्वीकृति होने पर प्रस्ताव बनाकर भेजे जाएंगे। शेयर कॉस्ट स्वीकृत होते ही पेयजल योजना को पंख लग जाएंगे।
सरकार को भेजा एजेंडा
बांध के पानी में विभाग का शेयर है। शेयर कॉस्ट का ऐजेंडा बनाकर सरकार को भेजा चुका है। शेयर की स्वीकृति मिलते ही प्रपोजल बनाए जाएंगे। पेयजल योजना के अमल में आने से बांध से शहर को पानी सुलभ होगा।
-एसपी शर्मा, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग, आबूरोड
भेजा पत्र
बांध की लागत 817 लाख रुपए है। 179 एमसीएफटी भराव क्षमता के बांध में 16 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज है। 163 लाइव स्टोरेज है। इसमें से 80 एमसीएफटी पानी सिंचाई व 83 एमएफटी पानी पेयजल के लिए सुरक्षित है। जलदाय विभाग को 769 लाख की शेयर कॉस्ट के बारे में पत्र लिखा जा चुका है।
-पारस सोनी, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, सिरोही