राष्ट्रपति के विशेष विमान से। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि उनकी पापुआ न्यू गिनी और न्यूजीलैंड की यात्रा से भारत की एशिया-प्रशांत क्षेत्र से जुड़ी विदेश नीति को नई रफ्तार मिली है।
मुखर्जी ने अपनी पांच दिवसीय यात्रा के समापन के बाद नयी दिल्ली के लिए रवाना होने के बाद मीडिया को जारी बयान में कहा पापुआ न्यू गिनी और न्यूजीलैंड की मेरी आधिकारिक यात्रा से भारत की एशिया-प्रशांत क्षेत्र से जुड़ी विदेश नीति को नई गति मिली है। हमें इस क्षेत्र के पापुआ न्यू गिनी और न्यूजीलैंड जैसे मित्रों के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने चाहिए। ये देश भौगोलिक दृष्टि से भारत से भले ही दूर हों लेकिन यहां अपार स्नेह और मित्रतापूर्ण व्यवहार मिलता है।
मुखर्जी ने कहा कि इन दोनों देशों की यात्रा से सरकार की’ऐक्ट ईस्ट’ नीति को आगे ले जाने में मदद मिली है। किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की इन देशों की यह पहली यात्रा थी।
राष्ट्रपति ने अपनी इस यात्रा में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और’एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दो देशों की अपनी इस यात्रा के दूसरे चरण में राष्ट्रपति न्यूजीलैंड की तीन दिवसीय यात्रा पर गए जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा और कौशल विकास के साथ साथ उच्च प्रौद्योगिकी में सहयोग पर बात की।
इस यात्रा के दौरान भारत और न्यूजीलैंड ने एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये जिसने पर्यटन एवं व्यापार क्षेत्रों को बढावा देने के लिए दोनों देशों के बीच उड़ान परिचालन की सीधी सेवा के दरवाजे खोले।
मुखर्जी ने यहां जिन नेताओं से मुलाकात की उनमें न्यूजीलैंड के गवर्नर सर जेरी मातेपारेइ और प्रधानमंत्री जॉन की शामिल हैं। इससे पहले उन्होंने पापुआ न्यू गिनी की अपनी प्रथम यात्रा में नौवहन की स्वतंत्रता की मांग करते हुए कहा कि संचार के समुद्री मार्ग तनाव और प्रतिद्वंद्विता से परे होने चाहिए।
दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये। भारत ने पापुआ न्यू गिनी में ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए उसे 10 करोड डॉलर का ऋण देने का प्रस्ताव रखा और प्रशांत देश के विस्तृत तेल एवं गैस संसाधनों के विकास एवं अन्वेषण के लिए संयुक्त रूप से नये मार्ग विकसित करने पर सहमति जताई।
इस यात्रा के दौरान भारत ने खनिज पदार्थों से समृद्ध देश में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को बढावा देने और दोनों देशों के लिए लाभदायक आर्थिक एवं वाणिज्यिक उपक्रम स्थापित करने के लिए अपनी प्रौद्योगिकी, वित्तीय साधनों, दक्ष श्रमबल एवं संस्थागत समर्थन मुहैया कराने का भी प्रस्ताव रखा। राष्ट्रपति ने पापुआ न्यू गिनी में अपने समकक्ष सर माइकल ओगियो और प्रधानमंत्री पीटर ओ नील से भी मुलाकात की।