मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने जिया खान आत्म हत्या मामले में सूरज पंचोली के खिलाफ सुनवाई पर स्थगन बढाने से सोमवार को इंकार दिया।
बंबई उच्च न्यायालय ने 25 फरवरी को सूरज के खिलाफ सुनवाई पर स्थगन आदेश दिया था। जिया खान की मां राबिया खान द्वारा केन्द्रीय जांच ब्यूरो के आरोप पत्र को चुनौती दी थी जिसमें जिया की मृत्यु को आत्महत्या बताया गया था और इसी याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने स्थगन आदेश दिया था।
सीबीआई द्वारा तीन जून को रिपोर्ट दी थी कि जिया खान ने आत्महत्या किया न कि उनकी हत्या की गई। राबिया खान ने उच्च न्यायालय में इस रिपोर्ट को चुनौती दी थी। राबिया ने मामले की सही जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) की स्थापना की मांग की थी।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ के न्यायाधीश एनएच पाटिल और न्यायाधीश एएम बदार के समक्ष याचिका सुनवाई के लिए आई तब राबिया के वकील सुभाष झा ने सुनवाई की स्थगन आदेश को बढाने की मांग की। हालांकि खंडपीठ ने सुनवाई पर स्थगन बढाने से मना कर दिया और राबिया की याचिका पर 7 जून को सुनवाई का समय दिया।
अदालत ने राबिया से कहा कि आप राज्य की पुलिस जांच से खुश नहीं थी और अदालत से आग्रह करने पर सीबीआई से जांच का आदेश दिया गया और सीबाआई ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया और पुलिस की जांच से सहमति जताई और आरोपी के खिलाफ धारा 306 का आरोप लगाया। अब आप सीबीआई जांच की जगह एसआईटी से जांच कराने की मांग कर रही हैं और इसका क्या भरोसा कि कल आप एसआईटी की जांच से भी संतुष्ट नहीं हों। इसका कहीं तो अंत होना चाहिए।
अदालत ने सूरज पंचोली के खिलाफ पांच मई को आरोप तय करने का आदेश दिया है। जिया खान के कथित आत्महत्या मामले में उसके मित्र सूरज पंचोली को 10 जून 2013 को गिरफ्तार किया गया था और दो जुलाई को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी।