नई दिल्ली। यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजिअस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) की असहिष्णुता बढ़ने वाली रिपोर्ट को भारत सरकार ने नकार दिया है। सरकार का कहना है कि देश में इस प्रकार की कोई स्थिति नहीं और अल्पसंख्यक समुदायों के लोग भारत में सुरक्षित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 के दौरान भारत में असहिष्णुता बढ़ी है और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन वाली घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को सिरे से नकार दिया है।
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजिअस फ्रीडम एक बार फिर से भारत, उसके संविधान और समाज को समझने में नाकाम साबित हुआ है। भारत का संविधान सभी नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार भी शामिल है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने इस रिपोर्ट पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। यूएससीआईआरएफ जैसी किसी विदेश इकाई को हक नहीं कि वह भारतीय नागरिकों को मिले हुए संवैधानिक अधिकारों पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करें।
यूएस कमीशन की एक रिपोर्ट के अनुसार 2015 में अल्पसंख्यक समुदायों को भय, उत्पीड़न और हिंसा का शिकार होना पड़ा। उनके उत्पीड़न के पीछे हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों का हाथ था। पुलिस के पक्षपात और न्यायिक खामियों की वजह से अल्पसंख्यक समुदाय भारत में खुद को असुरक्षित महसूस करने लगा है।
हालांकि रिपोर्ट में भारत सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि धार्मिक नेताओं एवं अधिकारियों ने अल्पसंख्यक समुदायों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की और इसके लिए भारत सरकार से उन्हें खुलेआम फटकार भी लगाई। हालात का विश्लेषण करने के मद्देनजर वह साल 2016 में होने वाली घटनाओं पर भी कमीशन नजर रखेगा।