आबूरोड। शराब बंदी की मांग को लेकर चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को पुलिस में दर्ज एफआईआर ने रोष में भर दिया। इसे लेकर मंगलवार को आदिवासियों की रैली शहर में निकली और बाद में सदर थाने को घेराव किया।
भाखर क्षेत्र में शराब बंदी की मांग को लेकर आकराभट्टा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी परिसर में वनवासी महिलाएं व लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इसके बाद महिलाओं का विशाल काफिला रैली के रुप में सदर थाने का घेराव करने के लिए रवाना हुआ। नारेबाजी करती हुई आदिवासी महिलाओं का जोश और आक्रोश रैली में देखते ही बन रहा था।
सदर थाने पहुंचकर करीब चार घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रधान व अन्य लोगों ने भाखर क्षेत्र में स्थित शराब की दुकाने हटाने व उनके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे को वापस लेने की मांग की। इस संबंध में जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक के नाम आबकारी निरीक्षक को ज्ञापन सौंपा। मांग पूरी नहीं होने तक विरोध का तेवर और अधिक तल्ख करने की चेतावनी दी।
-ट्रैक्टरों में भर-भर कर पहुंचे आदिवासी
थाने के घेराव के लिए टै्रक्टर ट्रॉली, ऑटो रिक्शा, जीप, लोडिंग टेम्पों, बाइक आदि साधनों से पहुंची महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता था। समय बीतने के साथ महिलाओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी होती गई। कार्यक्रम स्थल पर लगाया विशाल शामियाना छोटा पड़ गया। महिलाओं ने भाखर क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय, हथकढ़ी शराब बनाने व वनांचल में स्थित शराब की दुकानों के खिलाफ आवाज बुलंद की।
महिलाओं ने शराब सेवन को सामाजिक अपराध करार दिया। इससे होने वाले दुष्प्रभावों का उल्लेख किया। प्रधान लालाराम गरासिया, पूर्व प्रधान अणदाराम गरासिया, नरसाराम सोलंकी आदि ने सम्बोधन किया। भाखर में पूर्णतया शराब बंदी की पैरवी की। साथ ही सदर पुलिस द्वारा प्रधान व अन्य के खिलाफ दर्ज किए मुकदमे को वापस लेने की मांग की।
गणका सरपंच ललिता देवी, नरसाराम गरासिया समेत करीब तीन हजार वनवासी महिलाएं मौजूद थी। आकराभट्टा में एकत्रित हुई महिलाओं ने शराब व उसके दुष्प्रभावों से उत्पीडि़त महिलाओं ने शराब बंदी नहीं होने पर आंदोलन को और अधिक तेज करने की हुंकार भरी।
-हरी झंडी मिलते ही रवाना हुई रैली
आकराभट्टा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी परिसर से प्रधान लालाराम व पूर्व प्रधान अणदाराम गरासिया ने महिलाओं की रैली को हरी झंंडी दिखाकर रवान किया। महिलाओं का रैला सड़कों पर उतर गया। शराब बंदी की मांग के समर्थन में लिखी तख्तियां उठाए व नारेबाजी करते हुए यह महिलाएं सड़क पर चल रही थी। आकराभट्टा क्षेत्र से करीब चार किमी लंबी रैली सदर थाने पहुंची। जहां महिलाओं ने सदर थाने का घेराव किया। चार घंटे के प्रदर्शन के बाद प्रधान के घर लौटने के कहने के बाद ही लोग व महिलाएं घरों को लौट गए।
-यह बताया ज्ञापन में
प्रधान व पूर्व प्रधान आदि ने सदर थाने में जिला कलक्टर व एसपी के नाम आबकारी निरीक्षक प्रद्युमनसिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में समाज में कुरीतियां दूर करने के लिए समाज में पूर्ण शराब पर पाबंदी लगाने का उल्लेख किया गया। साथ ही वनवासी क्षेत्र में सरकार द्वारा संचालित अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानों पर शराब का बिक्री बंद करवाने की मांग की।
शराब बंदी के विरोध में आदिवासी लोगों के विरुद्ध झूठा मुकदमा को गलत बताया है। ज्ञापन में निष्पक्ष जांच के साथ आदिवासी क्षेत्र में सम्पूर्ण शराब के ठेकों को बंद करने की मांग की गई है। ज्ञापन में मांगों का निस्तारण नहीं होने पर भूख हड़ताल करने व पूर्णतया शराब बंदी होने तक आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी गई है।
उखड़ गए प्रधान
सदर थाने में डीएसपी प्रीति कांकाणी की मौजूद”ी में वार्ता शुरु हुई। प्रधान लालाराम गरासिया ने तीखे तेवर अख्तियार करते हुए शराब बंदी की मांग की। उन्होंने उनके व अन्य के खिलाफ दर्ज मुकदमें को झूठा करार दिया। मुकदमा वापस लेने की मांग की। इस पर आबकारी निरीक्षक ने मामला उनके स्तर का नहीं होने का हवाला दिया। अवैध शराब के करीब दो सौ मामले दर्ज करने की जानकारी दी। शराब की दुकानों का हटाने के मामले को मुख्यमंत्री स्तर का होना बताया। उनके इतना कहते ही मामला गर्मा गया। साथ ही प्रधान उखड़ गए। प्रधान ने तल्ख लहजे में कहा कि वह दो माह से अधिक समय से शराब बंदी की लड़ाई लड़ रहे है। इस बारे में पूर्व मेंं भी अवगत करवा दिया गया। लेकिन, अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। वह इसके लिए लाठी व जेल जाने को तैयार है। यह कहकर वह उठकर चले गए।