जोधपुर। सलमान खान को बड़ी राहत देते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उनके होटल के कमरे से बरामद गोलियां चिंकारा के शिकार में उनके द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल वाहन से बरामद गोलियों से नहीं मिलती-जुलती हैं।
गोलियों और चाकू जो कंकणी में 1-2 अक्तूबर, 1998 को शिकार के मामले में साक्ष्य हैं उन्हें अवलोकन के लिए यहां उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
मठानिया में 28-29 सितंबर, 1998 को चिंकारा के शिकार मामले में सुनाई गई पांच साल के कारावास की सजा के खिलाफ सलमान द्वारा दायर की गई पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने मामले से जुड़ी वस्तुओं पर करीबी नजर डाली।
अदालत ने कहा कि सलमान खान और सैफ अली खान के होटल के कमरे से बरामद गोलियां वाहन से बरामद गोलियों से न सिर्फ अलग थीं बल्कि उनकी गुणवत्ता भी खराब थी।
इसी तरह, शिकार किए गए चिंकारा का गला रेतने और उसकी खाल उतारने के लिए जिस चाकू का कथित तौर पर सलमान केे इस्तेमाल की बात कही गई है वह पॉकेट चाकू जैसा है।
न्यायाधीश ने कहा कि वह चाकू को देखना चाहती थीं कि क्या यह इतना बड़ा है कि सलमान ने पशु की हत्या के लिए इसका इस्तेमाल किया हो। बचाव पक्ष के वकील महेश बोरा ने दलील दी कि सभी गोलियां एयर गन की हैं और किसी भी पशु के लिए जानलेवा नहीं हो सकती हैं।
इसके साथ ही बचाव पक्ष ने अपनी दलीलें पूरी कर लीं। यह अदालत के निर्धारित समय से एक घंटे अधिक समय तक चली। इस दौरान उन्होंने पुलिस की जांच में कई कमियां बताईं। अभियोजन पक्ष अब 10 मई से अपनी दलील शुरू करेगा।