पटना/फुलवारीशरीफ। फुलवारी शरीफ के मित्रमंडल कोलोनी से बेसिल नन बैंकिंग कम्पनी के मैनेजर विनय कुमार भगत के घर छापेमारी कर उसकी पत्नी उमा देवी को गिरफ्तार कर लिया। बेसील चिट फंड कम्पनी में सैंकड़ो गरीबों के खून पसीने के करोडों रूपए जमा कराए गए थे।
पीडितों के रूपए वापसी में लगातार टालमटोल करने एवं समय देकर रुपए वापस नहीं करने के चलते कई बार विनय कुमार भगत के घर पीडितों ने धरना प्रदर्शन किया था।
गुरुवार की सुबह भी पीड़ितों ने मैनेजर के घर धरना प्रदर्शन करने लगे। इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस ने वहां छापेमारी कर विनय कुमार भगत की पत्नी उमा देवी को गिरफ्तार कर थाना ले आई। इधर इसकी जानकारी जब पीडितों को लगी तो सैकड़ों की संख्या में पीड़ित लोग फुलवारी शरीफ थाना पहुंच गए।
पीडितों में श्याम बिहारी पासवान, पिंकी देवी, सुधा देवी, उमेश पंडित, रूमा देवी, रेखा देवी, सुरेश मांझी, रमरतिया देवी, झूलन पासवान, बिनोद कुमार समेत अन्य ने बताया की खून पसीने से कमाई की राशि अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए बेसिल कम्पनी में जमा कराई थी।
किसी ने बीस हजार तो किसी ने पचास हजार से लेकर लाखों रूपए जमा करा चुके थे। एजेंटों का भी कोई अता पता नहीं है। जब मैनेजर के पास लोग अपने रुपए वापस मांगने जाते हैं तो उलटे धमकी दी जाती और स्थानीय थाने में झूठा मुकदमा करा दिया जाता है। बेसिल ने लोगों को सब्जबाग दिखाए थे की पांच साल में रुपया दुगुना करके मिलेगा।
पीडितों में सभी अत्यंत ही गरीब और मजदूर तबके के लोग ही शामिल हैं। थाना पहुंचे पीडितों का कहना है की मैनेजर विनय कुमार भगत जब फुलवारी शरीफ में आया था तो विजय मार्किट और चौहरमॉल नगर में किराये में रहता था आज गरीबों के रुपए हड़प कर मित्रमंडल कोलोनी में आलीशान बंगला बना लिया।
कई लक्जरी गाड़ियां उसकी आलीशान बंगले की शोभा बढाते हैं। पीडितों का कहना है की विनय कुमार भगत रोज अपने मित्रमंडल कोलोनी वाले आलीशान बंगले में ही छिप कर रहता है। वह स्थानीय थाना पुलिस से मिली भगत करके अब तक गिरफ्तारी से बचता फिर रहा है।
गिरफ्तार उमा देवी ने बताया की उसे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। कम्पनी के सारे मामले की जानकारी उनके पति के पास है। पति विनय कुमार ही इस सम्बन्ध में जानकारी दे सकते हैं। थानेदार अकिल अहमद ने बताया की पीडितों के आवेदन पर मैनेजर विनय कुमार भगत और उसकी पत्नी उमाँ देवी के खिलाफ मामला दर्ज है।