नई दिल्ली। जेल में बंद सुब्रत रॉय सहारा की मां छबि रॉय का गुरुवार देर रात लखनऊ में निधन हो गया। वह काफी लंबे समय से बीमार थी। सुब्रत रॉय ने अपनी मं के निधन के कारण सुप्रीम कोर्ट से पैरोल की मांग की है। छबि रॉय दो साल से तिहाड़ जेल में बंद अपने बेटे सुब्रत रॉय सहारा से मिलने की इच्छा में ही जिंदा थीं।
सुब्रत रॉय सहारा ने मां के निधन के कारण सुप्रीम कोर्ट से तीन सप्ताह की पैरोल मांगी है। सुप्रीम कोर्ट सुब्रत रॉय द्वारा दी गई इस अर्जी पर सुनवाई करने को तैयार है। कोर्ट आज दोपहर इस अर्जी पर सुनवाई करेगा।
इससे पहले सुब्रत राय सहारा ने अक्टूबर 2014 में भी बुआ के निधन के बाद अंतिम संस्कार और अन्य रस्में निभाने के लिए पंद्रह दिन की पैरोल मांगी थी। राय की 90 वर्षीय बुआ उनके परिवार के साथ ही रहती थीं।
95 वर्षीय छबि रॉय का लंबे समय से इलाज चल रहा था। बेटे सुब्रत रॉय सहारा के वर्ष 2014 में जेल जाने के बाद से ही उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था। बीमारी के दौरान उन्होंने अपने बेटे से मिलने की इच्छा जताई थी जो अधूरी ही रह गई।
छबि रॉय ने गुरुवार देर रात एक बजकर 34 मिनट पर अंतिम सांसे लीं। अररिया बिहार में जन्मी छबि रॉय अपने जीवन के दौरान हमेशा समाजसेवा के काम से जुड़ी रहीं। वह हर वर्ष सकैड़ों ऐसी लड़कियों का विवाह कराती थीं जो बेसहारा और जिनके माता-पिता उनकी शादी कराने में असमर्थ हैं। गरीब और बेसहारा लोगों के लिए उनके मन में विशेष श्रद्धा भाव था।
सुब्रत राय ने भी सुप्रीम कोर्ट को कई बार मां की खराब तबीयत का हवाला देकर जमानत की अपील की थी। बीमार मां छबि रॉय के लिए लखनऊ के सहरा शहर, गोमतीनगर में ही एक छोटा का अस्पताल बनाया गया था। जहां पर वह करीब दो वर्ष से डॉक्टरों की देखरेख में थीं।
सुब्रत राय सहारा 4 मार्च, 2014 से जेल में हैं। इस दौरान वह तीन किताबें लिख चुके हैं। इनमें से एक किताब प्रकाशित भी हो गई है। सहारा समूह के मालिक सुब्रत रॉय पर निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने का आरोप है। सेबी मामला लेकर कोर्ट पहुंचा था।