दुमका। शशि किरण मुर्मू कल तक ईसाई थी, लेकिन अब नहीं। अब वह संताली बन चुकी है। शनिवार को उसकी घर वापसी हुई। घर वापसी कार्यक्रम के तहत दिशोम मांझी थान परिसर में धर्म गुरूओं की उपस्थिति में संताली रीति-रिवाज से शशि की घर वापसी आदिवासी संताली समुदाय में हुई।
शशि किरण मुर्मू पाकुड़ जिला के महेशपुर प्रखंड के देवीनगर में रहती है। उसके घर वापसी कार्यक्रम की अध्यक्षता दिशोम मांझी बालेश्वर हेम्ब्रम ने की। इस अवसर पर युवती की मां मंदाकनी हांसदा सहित कई परिजन उपस्थित थे।
परांपरिक राीति-रिवाज से शशि किरण को धर्मगुरूओं ने दिशोम मांझी थाना एवं जाहेर थान में पूजा अर्चना कर पुनः सरना धर्म में शामिल किया। उसके बाद छठियारी मनाई जा रही है। छठियारी के बाद 8 मई को आदिवासी युवक भोलानाथ मुर्मू से उसकी शादी दिशोम मांझी थान में होगी।
युवक भोलानाथ मुर्मू जामताड़ा जिला के नारायणपुर प्रखंड के फुटाहा गांव का रहनेवाला है। वह मुंबई में ओएनजीसी कंपनी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर है। वहीं शशि किरण मुर्मू जमशेदपुर पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा कर चुकी है।
दोनों में प्रेम विवाह हो रहा है। प्रेम विवाह से पहले युवती ने ईसाई धर्म छोड़ संताली धर्म अपनाया। इससे पहले युवती के परिजन आदिवासी संताली धर्म को ही मानते रहे थे।