नई दिल्ली।। दिल्ली भाजपा ने केजरीवाल सरकार के 21 संसदीय सचिवों का नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है।
दिल्ली विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि संसदीय सचिव का पद स्पष्ट रूप से लाभ की परिधि में आता है। उनकी नियुक्ति देश के संविधान की अवहेलना करती है। वह वास्तव में विकास तथा प्रशासन के रास्ते में रोडा़ हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप 21 संसदीय सचिवों द्वारा प्रस्तुत किये गये पक्ष की जांच करेगा। फिर भी आम आदमी पार्टी की सरकार तथा विधायकों की जनता के प्रति भी जवाबदेही है।
गुुुप्ता ने कहा कि भाजपा शुरू से ही कह रही है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति करके लाभ के कार्यालय के लिये निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि हम प्रारम्भ से ही इन विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की मांग करते आ रहे हैं।
परंतु गत 23 जून को आप सरकार इनको लाभ की परिधि से बाहर करने के लाने के लिए एक संशोधन लेकर आई। परंतु यह संशोधन बिना उप राज्यपाल तथा केन्द्र की अनुमति के बिना लाया गया था और यह अभी भी लटक रहा है।
विपक्ष के नेता ने कहा कि यद्यपि केजरीवाल ने सत्ता में आने से पूर्व कई बार कहा था कि वह और उनके मंत्री तथा विधायक कभी भी लाभ के पद के पीछे नहीं भागेंगे। परंतु उन्होंने सत्ता में आने के बाद अपना इरादा बदल दिया। उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है।