रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि बगैर सिक्यूरिटी के ही एसटी छात्रों को 7.5 लाख रुपये तक का शिक्षा लोन मिलेगा। पहले यह राशि चार लाख थी।
दास बुधवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की 55वीं समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार मिलने से ही गरीबी समाप्त होगी। बैंक राज्य के आदिवासी व पिछड़े श्रेणी के बच्चों को उदारता के साथ शिक्षा लोन दें। इन बच्चों में आगे बढ़ने की ललक है।
आज बैंकों ने अच्छी परंपरा की शुरुआत की है। आदिवासी बच्चों के बीच शिक्षा लोन का वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी, पिछड़े लोगों को बैंक लोन दे। उनके जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए उन्हें आसान शर्तों पर व्यवसायिक ऋण उपलब्ध कराए।
दास ने कहा कि गरीब किसान और आदिवासियों के विकास से ही राज्य का विकास होगा। किसानों को कैंप लगाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा में शामिल करें। इससे वे नुकसान से बचेंगे।
सरकार राज्य के 26 हजार स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी दो लाख महिलाओं को विकास में सहायक बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए उन्हें झारक्राफ्ट से जोड़ा जा रहा है।
उनके माध्यम से सरकारी जरूरत के लिए कंबल, चादर, तौलिया, स्कूली ड्रेस आदि तैयार कराया जायेगा। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्हें मशीन मुहैया करायी जायेगी। इसमें बैंक भी उनकी मदद करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत बैंकों ने अच्छा काम किया है। आज लोग स्वरोजगार तो प्राप्त कर ही रहे हैं तीन-चार लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। राज्य सरकार भी कौशल विकास की दिशा में तेजी से काम कर रही है। लैंड रिकार्ड का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। इससे बैंकों को लोन देने में आसानी होगी।
5000 की आबादी वाले गांव में बैंक की शाखा खोलें। गांव में बैंक का सीडी अनुपात खराब है, इसमें सुधार के लिए लोन बढ़ाएं। बैठक में अपर मुख्य सचिव अमित खरे, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक सह सीइओ मेलवीन रेगो, रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके वर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित थे।