आजमगढ़। जिले के तीन युवक सोमवार की शाम संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने के मामले में सूत्रों द्वारा बड़ा खुलास किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि एनआईए अफसर तंजील अहमद हत्याकांड में इनमें से एक युवक शामिल है जिसे एनआईए अधिकारियों ने पूछताछ के बाद हिरासत में लेकर चली गई है और अन्य दो युवकों को छोड दिया है। फिलहाल इस मामले में पुलिस का कोई अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि जिले के तीन युवक सोमवार की शाम संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। इसमें सरायमीर थाना क्षेत्र के असाढ़े गांव निवासी 22 वर्षीय आकिब की मुम्बई में शीतल पेय पदार्थ की एजेंसी है। 20 दिन पहले वह घर आया था।
चूंकि परिवार के सारे लोग मुम्बई में रहते हैं इसलिए वह फरिहां अपने रिश्तेदार के यहां रहता था। करीब दो दिन पहले वह जौनपुर जिले के शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के अरन गांव निवासी वामिक के साथ लखनऊ गया था।
आकिब और वामिक सोमवार को लखनऊ से वोल्वो बस से आजमगढ़ के लिए रवाना हुए। उन्हें चार बजे आजमगढ़ पहुंचना था। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में बीएससी का छात्र बिलरियागंज निवासी व आकिब का मौसेरा भाई सादाब भी दो दिन की छुट्टी पर घर आया था।
वह उन्हें रिसीव करने के लिए बिलरियागंज से आजमगढ़ रोडवेज आया था लेकिन इन तीनों युवकों में से कोई भी घर नहीं लौटा। परेशान परिजनों ने अपने स्तर पर काफी खोजबीन की लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। थक हार कर उन्होंने पुलिस अधीक्षक से लेकर मानवाधिकार आयोग तक को फैक्स के जरिए इसकी सूचना दी।
इसी बीच सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इन तीनों युवकों को एनआइए के अधिकारियों ने उठा लिया था और 24 घंटे से लगातार पूछ-ताछ करने के बाद आकिब और वामिक को छोड दिया गया जबकि सादाब को एनआईए की टीम ने हिरासत में लेकर चली गई।
सूत्रों की माने तो तंजील अहमद हत्याकांड के आरोपी मुनीर और शादाब में गहरी दोस्ती रही है। अलीगढ में बीटेक करने के दौरान शादाब, मुनीर और रेहान ने एक युवक की हत्या को भी अंजाम दिया था। इस घटना के बाद से ही शादाब फरार चल रहा है तो वही शादाब का परिवार भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। फिलहाल इस मामले पर पुलिस का कोई भी आला अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे है।