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सिंहस्थ में संत महात्माओं की सेवा का दुर्लभ अवसर पाकर धन्य हुआ : अमित शाह - Sabguru News
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सिंहस्थ में संत महात्माओं की सेवा का दुर्लभ अवसर पाकर धन्य हुआ : अमित शाह

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सिंहस्थ में संत महात्माओं की सेवा का दुर्लभ अवसर पाकर धन्य हुआ : अमित शाह
bjp president amit shah takes holy dip alongside dalit sadhus at ujjain Simhastha kumbh
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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उज्जैयिनी नगरी अध्यात्म का केन्द्र है और सिंहस्थ के पुनीत अवसर पर महाकुंभ में तपस्यालीन साधु-संतों के दर्शन का लाभ पाकर मैं आज धन्य हुआ हूं।

शाह ने कहा कि साधु-महात्माओं के दर्शन लाभ के साथ ही सिंहस्थ की साज-संवार और पुण्य सलिला मां क्षिप्रा में नर्मदा के मिलन से पावन नीर में स्नान से करोड़ों श्रद्धालु एवं तीर्थ यात्रियों ने अलौकिक आनंद का अनुभव किया है यह क्रम 21 मई तक जारी रहेगा।

ऐसे सफल आयोजन के लिए जहां साधु-संतों की तपष्चर्या के प्रति मैं नतमस्तक हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयास सराहनीय है, उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश अनवरत् प्रगति की दिशा में अग्रसर होगा।

शाह ने कहा भारत में इस समय देश की संस्कृति को मजबूत करने वाली सरकार स्थापित है। दुनिया के समस्त जीवों का कल्याण भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है। वर्तमान सरकार इसी ध्येय के साथ काम कर रही है। शाह ने यह बात अमरता के महापर्व सिंहस्थ में बुधवार को मोक्षदायिनी क्षिप्रा के पवित्र वाल्मीकि धाम में आयोजित हुए संत-समागम में कही।

इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से सभी संत-महात्माओं व श्रद्धालुओं का नमन भी किया। साथ ही दलित समुदाय के महान संत स्वामी सोहनदास जी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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देश को समरसता का संदेश देने के उद्देश्य से यह संत-समागम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भारतीय सनातन संस्कृति के प्रतिनिधि महान साधु-संतगण तथा जनप्रतिनिधिगणों की उपस्थिति में आयोजित हुआ। संत-समागम के बाद सभी अतिथियों ने पवित्र वाल्मीकि घाट पर अमृतमयी क्षिप्रा में सामूहिक रूप से स्नान किए।

अमित शाह ने कहा कि आज जगदगुरू शंकराचार्य की जयंती होने से अत्यंत पवित्र दिन है। इस सुअवसर पर सामाजिक समरसता के पवित्र उद्देश्य को लेकर आयोजित इस संत-समागम से देश भर में सकारात्मक संदेश जाएगा। शाह ने कहा कि एक समय जब सनातन धर्म 80 परंपराओं में छिन्न-भिन्न था।

साथ ही आध्यात्मिक चिंतन के स्थान पर कर्म-कांडों का बोल-बाला था, ऐसे कालखंड में केवल 32 वर्ष की आयु में एक महान ऋषि आद्य शंकराचार्य ने देश की परिक्रमा कर आध्यात्मिक चिंतन को पुनर्स्थापित किया। आद्य शंकराचार्य ने तीर्थों का भी उद्धार किया।

उन्होंने पंच-पूजा की स्थापना कर देशवासियों को आध्यात्मिक मार्ग-दर्शन दिया। शाह ने सिंहस्थ को ईश्वर निर्मित व्यवस्था की संज्ञा देते हुए कहा सिंहस्थ का आयोजन प्रबंधन के विद्यार्थियों के लिए भी आश्चर्य व शोध का विषय है। उन्होंने कहा यह एक ऐसा मेला है, जिसमें बिना निमंत्रण के करोड़ों लोग खिचे चले आते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा पवित्र नगरी उज्जैयिनी में समाज के सभी वर्गों के कल्याण के पुनीत उद्देश्य को लेकर यह संत-समागम आयोजित किया गया। उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति विश्व कल्याण का उद्घोष करती है। हमारी संस्कृति का “वसुधैव कुटुम्बकम” और “सर्वे भवन्तु सुखिना, सर्वे संतु निरामयरू” मूलमंत्र है।

चौहान ने कहा कि, भारत के कण-कण में भगवान है और सभी संप्रदायों व समाज के सभी वर्गों का कल्याण भारतीय संस्कृति में निहित है। मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इसी भाव के साथ महान साधु-संतों का नमन करने और आर्शीवाद लेने सिंहस्थ के अवसर पर पवित्र नगरी उज्जयिनी आए हैं।

वाल्मीकि आश्रम के संस्थापक बाल योगी उमेशनाथ महाराज ने इस अवसर पर कहा भगवान वाल्मीकि की कृति सबको आदर-सम्मान व प्रेम का संदेश देती है। उन्होंने कहा राम ने त्रेता युग में समरसता का भाव जगाया। बालयोगी ने कहा बाल्मीकि कृत रामायण में उल्लेख है कि भगवान राम ने दलित केवट व निषाद को गले लगाया, वहीं सबरी के जूठे बेर खाए और वानर राज को गले लगाया। स्वामी उमेशनाथ महाराज ने कहा जातिपंथ और भेद-भाव तोड़कर देश को जोड़ने के लिए समरसता का संदेश देना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।

उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा इस दिशा में साहस के साथ की गई पहल की सराहना की। स्वामी उमेशनाथ ने कहा कि संत विभिन्न जातियों में जन्म जरूर लेते हैं, मगर संत की कोई जाति नहीं होती। संतों का दायित्व है कि वे भी राष्ट्र निर्माण के लिए मन-क्रम व वचन से सार्थक प्रयास करें। जब राष्ट्र रहेगा तभी संत समाज भी रहेगा। इसलिए संत समाज मिलजुलकर एकात्मतता का भाव प्रकट करें।

इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, पार्टी के राष्ट्रीय आयामों के प्रमुख अरविंद मेनन, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखन सिंह चौहान, साधना सिंह चौहान, जिला अध्यक्ष इकबाल सिंह गांधी, पार्टी की प्रदेश मंत्री उषा ठाकुर, राजो मालवीय, सांसद प्रो. चिंतामण मालवीय, सिंहस्थ मेला के प्रभारी व वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्र सिंह, पारस जैन, लालसिंह आर्य, इंदौर महापौर व विधायक मालिनी गौड़, विधायक डॉ. मोहन यादव, अनिल फिरोजिया, मुकेश पंडया, रंजना बघेल, किशन सिंह भटोल सहित प्रदेश पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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संत-समागम में विभूतियां सम्मानित

अमित शाह ने पं. दीनदयाल पुरम् में चरैवेति मंडप में आयोजित कार्यक्रम में साधु-संतों एवं महात्माओं को शाल-श्रीफल भेंट करते हुए उनसे आग्रह किया कि उनकी स्नेहमयी कृपा दृष्टि सदैव बनी रहे जिससे देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हो। साधु-महात्मा हमारे पूज्यनीय और श्रद्धा के केन्द्र, प्रेरणा के पुंज है। उनके आशीर्वाद से भारतीय जनता पार्टी निरंतर जनसेवा में अग्रसर होगी।

आपने भारतीय जनता पार्टी और राज्य की भाजपा सरकार की ओर से सभी के प्रति श्रद्धान्त होकर नमन किया तथा आशा व्यक्त की, कि संतों का निर्देश और आशीर्वाद हमारे मार्ग को निष्कटंक और निरापद बनायेगा। कार्यक्रम का आयोजन पं. दीनदयाल पुरम स्थिति चरैवेति मंडप में संपन्न हुआ।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिंहस्थ के पुनीत पर्व पर संत समागम में शीर्ष विभूतियों का अभिनंदन किया है। भानपुरा पीठ के शंकराचार्य स्वामी दिव्यानंद महाराज, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्रगिरी महाराज, हरिद्वार के स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी, जूना पीठाधीष्वर अवधेशानंद महाराज, चितानंद महाराज ऋषिकेश (उत्तराखंड), महामंडलेशवर चित्तप्रकाशानंद महाराज (वृंदावन) उत्तर प्रदेश, वाल्मीकि समाज के बालयोगी उमेशनाथ महाराज (उज्जैन), नाई समुदाय के अध्यात्मिक नेता सेनाचार्य महाराज (जोधपुर राज.) कबीरपथ के अध्यात्मिक गुरू बलाई समाज के नेता असंगदेव साहेब महाराज, कबीरपंथ के उपासक अर्द्धनामदास साहेब (वाराणसी) उत्तरप्रदेश, संत रविदास परंपरा के ओमप्रकाश महाराज (फरीदाबाद) हरियाणा, संत रविदास परंपरा के रामदास महाराज, किषनदास महाराज व सदाजप महाराज, महामंडलेष्वर सेवानंद गिरी (चमत्कारिक त्रिशूल वाले), महामंडलेश्वर हंसराज महाराज, पंचमदास महाराज, मोहंतेदास महाराज, परमपूज्य उमाकांत सरस्वती, रामप्रसाद महाराज, संत शंभूनाथ महाराज, मंहत गुरूचरण महाराज का अभिनंदन करते हुए अमित शाह ने पुष्पहार पहनाया एवं शाल-श्रीफल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह ने महाकाल की पूजा-अर्चना की

सिंहस्थ महापर्व में शंकराचार्य पर्व के अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने परिवार सहित महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल का शास्त्रोक्तश विधि से वेद मंत्रों के ध्वनि के साथ पूजा अर्चना की। महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी ने पूजा अर्चना संपन्न कराई। इसके पूर्व उन्होने चन्द्रा दित्येाश्वकर महादेव आदि शंकराचार्य की पूजा की।