नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्लीन चिट दिए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने नाराजगी जताई है। साथ ही एनडीए सरकार एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों को बचाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय कैबिनेट के कई लोग पुलिस अधिकारियों और एनआईए पर दबाव बना कर आतंकी गतिविधियों में शामिल संघ परिवार के लोगों का बचाव कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं शुरू से ही कहता आ रहा हूं कि आरएसएस अथवा इसके विचारों से जुड़े लोग आतंकी गतिविधियों में शामिल है।
रिपोर्ट में बताया गया कि 26/11 मुंबई हमलों में शहीद हुए महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे की ओर से की गई जांच के बाद एक अन्य आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ पेश किए गए सबूत मनगढंत थे और जांच में कई खामियां भी पाई गई।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के दौरान देश के लिए शहीद हुए अधिकारियों को भी शक के दायरे में रखा जा रहा है। जिसने देश के लिए अपनी जान दे दी आज उसी पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उसने आरोपियों पर मनगढंत आरोप लगाए।
कांग्रेस ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि कृपया हेमंत करकरे को मालेगांव ब्लास्ट मामले में दोषियों को फंसाने का आरोप न लगाए। मुझे हैरानी हो रही है कि एनआईए भी हमलों में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि एनआईए भाजपा और आरएसएस की एजेंसी बन कर रह गई है। जिस प्रकार से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित संघ के अन्य लोगों को क्लीन चिट दी गई उससे पता चलता है कि एनडीए की सरकार देश की जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरूपयोग कर रही है।
सुरजेवाला ने कहा कि अशोक चक्र विजेता हेमंत करकरे ने 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट मामले की जांच में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। उस समय भाजपा और शिवसेना ने करकरे को गद्दार करार दिया था।
मुम्बई धमाकों के दौरान हेमंत करकरे ने आतंकी अजमल कसाब से लड़ते हुए जान गंवा दी लेकिन करकरे की जांच पर विश्वास न करके भाजपा ने आज एक बार फिर करकरे की यादों को कत्ल कर दिया।