बागपत। विजय माल्या के विदेश भागने का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि किसानों का करोड़ों का बकाएदार आईपीएल के पूर्व चैयरमेन ललित मोदी का रिश्तेदार उमेश मोदी भी विदेश भाग गया।
अधिकारियों की लापरवाही और पुलिस की ढिलाई के चलते एक बार फिर मलकपुर व मोदीनगर चीनी मिल से जुड़े किसानों के भुगतान पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कई बार एफआईआर होने के बाद भी उमेश मोदी को गिरफ्तार नहीं किया गया। अब किसानों के 450 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान पर एक बार फिर चिंता की लकीरें खिंच गई है।
बकाया भुगतान लेकर विदेश भागे मोदी का रालोद ने पुतला फूंका और अधिकारियों के रवैये पर आक्रोश जताया। रालोद ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही भुगतान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
मलकपुर चीनी मिल में जनपद के किसानों का करीब एक लाख कुंतल से अधिक गन्ना जाता है और मोदीनगर चीनी मिल में भी यहां के किसानों का गन्ना जाता है। दोनों चीनी मिलों के मालिक उमेश मोदी हैं।
जनपद में कई बार उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और मिल की कुर्की की प्रक्रिया भी हो चुकी है, लेकिन यह प्रक्रिया कागजों में ही सिमटी नजर आती है। क्योंकि अभी तक न तो मोदी को गिरफ्तार किया गया है और न ही मिल को कुर्क कर भुगतान करने का कदम उठाया गया है।
अब उमेश मोदी किसानों का बकाया भुगतान किए बिना ही विदेश चले गए हैं। इससे गुस्साए रालोद ने मिल मालिक उमेश मोदी का पुतला फूंका और केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मंडल सचिव ओमबीर ढाका ने कहा कि यहां की गरीब मजदूर और किसानों का करोड़ों रुपए लेकर उद्योगपति फरार हो रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
चुनाव के दौरान तो किसानों के भुगतान पर पीएम नरेंद्र मोदी ने खूब तंज विपक्षी दलों पर कसे थे, लेकिन पीएम बनने के बाद आज तक उन्होंने एक किसान की भी पीड़ा को जानना जरूरी नहीं समझा था, जबकि यहां का किसान आत्महत्या जैसे कदम भी उठा चुका है।
इससे जाहिर है कि यह सिर्फ चुनाव के दौरान जनता को बहकाने की बातें थी उसके बाद किसान को भुगतान मिले या न मिले, इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं है। अब उमेश मोदी किसानों को 450 करोड़ रुपए लेकर विदेश चले गए हैं, लेकिन यहां की पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाई है। जबकि उनके खिलाफ बड़ौत व मोदीनगर में एफआईआर हो चुकी है।
अगर यह एफआईआर किसी आम व्यक्ति के खिलाफ होती तो उसे चंद मिनट भी बाहर नहीं रखा जाता, तत्काल प्रभाव से जेल भेज दिया जाता। मोदी को पकड़ने के लिए डीएम से लेकर एसपी तक सभी सुस्त हैं और एक बार भी यहां की पुलिस ने दबिश देना जरूरी नहीं समझा है।
केंद्र व प्रदेश सरकार मोदी के मामले में चुप्पी साधे हुए है। आज तक उनके दिल्ली स्थित मोदी भवन की नीलामी की प्रक्रिया को भी शुरू नहीं करा सकी है। जो फाइल शासन में अधिकारियों ने भेजी थी वह भी वहीं जाकर गुम हो गई है। सरकार के रवैये से जाहिर है कि केंद्र व प्रदेश सरकार पूंजीपतियों को सह दे रही है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही मोदी को गिरफ्तार कर किसानों को भुगतान दिलाने का प्रयास न किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। यह भी चेतावनी दी कि जब तक किसानों का बकाया भुगतान नहीं होगा तब तक किसान किसी भी तरह का राजस्व जमा नहीं करेगा।
इस दौरान सुरेश राणा, कंवरपाल हुड्डा, गौरव, पिंटू, उस्मान मुखिया, संदीप चौधरी, विक्रम, आजाद सिंह, वीरेंद्र, रामवीर, कपिल, वीरेंद्र, सतेंद्र व हरेंद्र आदि मौजूद रहे।