अनूपपुर। सोमवार की देर शाम जैतहरी (ग्राम मुर्रा) स्थित हिंदुस्तान पॉवर प्लांट के यूनिट 2 का बायलर अचानक फट जाने से इंजीनियर प्रफुल्ल झा की मौके पर ही मौत हो गई जबकि लगभग 11 इंजीनियर्स और मजदूर बुरी तरह झुलस गए।
घायलों को तत्काल जिला चिकित्सालय लाया गया। इलाज के दौरान जिला चिकित्सालय घायलों की कराह, चीख-चिल्लाहट से गूंजता रहा। घायलों को यहां प्राथमिक चिकित्सा प्रदान कर गंभीर दशा को देखते हुए उन्हें बिलासपुर के लिए रेफर किया गया। घायलों में से 6 लोगों की दशा अत्यंत गंभीर है। इनके शरीर 60 से 100 प्रतिशत तक झुलस गए हैं। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस के आला अधिकारी जिला चिकित्सालय पहुंचे।
इंजीनियर की मौके पर मौत
मामले से जुडे सूत्रों के अनुसार हिन्दुस्तान पावर प्राइवेट लि. (एम.बी.पावर) जैतहरी के यूनिट प्लांट क्र. 2 में कोयले के बायलर की सफाई के दौरान बायलर में अचानक विस्फोट हो गया। माना जा रहा है कि सफाई से पहले प्लांट बंद न करने के कारण यह हादसा हुआ। बायलर फटने से मौके पर कार्यरत इंजीनियर प्रफुल्ल कुमार झा पुत्र सतीष झा, उम्र ४९ वर्ष निवासी भागलपुर (बिहार) की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
वहीं इस हादसे में इंजीनियर संदीप सुगन्धि (52), सचिन पाटिल (30), आशीष लखेरा, हेमसुंदर राव (32), अशीष वैष्णव, अश्विन दास (30), राजेन्द्र सैनी(34), दीपक पटेल (34), शिवशंकर यादव (30), डीजीएम डी.पी. सिंह (60), बाबूराव (30) एवं हेमू (28) को प्राथमिक उपचार के उपरांत अपोलो अस्पताल बिलासपुर (छ.ग.) में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
कई की हालत गंभीर
जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के दौरान प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिन पाटिल, हेमसुंदर राव 100 प्रतिशत झुलस गये जबकि आशीष लखेरा, संदीप सुगन्धि, शिव शंकर यादव, हेमू एवं राजेंद्र सैनी 60 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक झुलस गये हैं। इनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
बचाव में जुटा प्रबंधन
हादसे के तत्काल बाद प्लांट प्रबंधन घायलों को समुचित इलाज के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचाने और इलाज कराने की व्यवस्था में जुट गया। घायलों को आनन-फानन एम्बुलेंस एवं अन्य वाहनों से जिला चिकित्सालय लाया गया। कुछ ही देर में हिंदुस्तान पॉवर के आला अधिकारियों,इंजीनियर्स एवं कर्मचारियों की भीड एकत्रित हो गई।
घटना के कारणों की जांच जारी- पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक अनुराग शर्मा ने बतलाया कि प्लांट में बायलर फटने से 1 व्यक्ति की मौत हुई है जबकि 11 लोग घायल हैं। मामले की जांच की जा रही है। वहीं दूसरी ओर घटना की जानकारी लेने के लिए जैतहरी थाने में फोन लगाने पर किसी ने भी ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में जैतहरी थाना बिना प्रभारी के संचालित हो रहा है। वहां के जिम्मेदार पुलिस कर्मचारी अपने दायित्वों से मुंह मोडकर चल रहे हैं। जिले के पुलिस अधीक्षक अनुराग शर्मा जहां अपराधों पर अंकुश लगाने में लगे हैं वहीं जैतहरी थाना के अधिकारी/कर्मचारी स्वयं निरंकुश होते जा रहे हैं।
प्रशासन, पुलिस ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर नरेंद्र सिंह परमार एवं पुलिस अधीक्षक अनुराग शर्मा ने अपने स्तर पर मोर्चा संभाला। एसडीएम डी पी वर्मन, तहसीलदार रमेश कोल के साथ एसडीओपी जे बी एस चंदेल, रक्षित निरीक्षक कमलेश परस्ते, नगर निरीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह परिहार पुलिस बल के साथ जिला चिकित्सालय पहुंचे। रात्रि में ही एसडीओपी श्री चंदेल ने घटना स्थल का अवलोकन किया। कलेक्टर के निर्देश पर जिले के अन्य हिस्सों से एम्बुलेंस एवं चिकित्सक अनूपपुर बुलाये गये। घायलों को देर रात एम्बुलेंस के माध्यम से बिलासपुर भेजा गया।
कलेक्टर, एसपी ने घटनास्थल का किया अवलोकन
मंगलवार की सुबह कलेक्टर श्री परमार एवं पुलिस अधीक्षक शर्मा ने पॉवर प्लांट जाकर घटना स्थल का अवलोकन किया। प्लांट में शांति व्यवस्था कायम है। अधिकारी मामले की सूक्ष्म जांच करवाने की बात कह रहे हैं।
चिकित्सकों की सराहनीय भूमिका
सीएमएचओ डॉ आर पी श्रीवास्तव, सिविल सर्जन डॉ एस आर परस्ते, डॉ एस आरपी द्विवेदी, डॉ आर पी सोनी, डॉ वीरेंद्र खेस के साथ जैतहरी के अन्य चिकित्सकों ने जिला चिकित्सालय में घायलों की समुचित एवं त्वरित चिकित्सा के लिए सराहनीय कार्य किया। शुरू के कुछ समय तक घायलों की बडी संख्या के बीच डॉ आर पी सोनी अकेले जूझते दिखे। चिकित्सकों के साथ जिला चिकित्सालय के अन्य कर्मचारियों ने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए खुलकर मदद की।
मानवीय चूक को बताया हादसे का कारण
प्लांट से जुडे सूत्रों के अनुसार सोमवार की शाम मेंटीनेंस विभाग के इंजीनियर्स श्रमिकों के साथ प्लांट के यूनिट 2 के बायलर का मेंटीनेंस/ सफाई कर रहे थे। जिसमें अचानक विस्फोट हो गया। माना जा रहा है कि बायलर के मेंटीनेंस के दौरान प्लांट को बंद करना था या सावधानी के लिए अन्य जो कदम उठाए जाने थे, नहीं उठाए गये जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। प्लांट के अधिकारियों ने मानवीय चूक को हादसे का कारण माना है। बहरहाल दुर्घटना के कारणों का खुलासा समुचित जांच उपरांत ही हो पायेगा।
मृतकों की संख्या पर संदेह व्याप्त
दुर्घटना में प्रफुल्ल झा की मौत मौके पर हुई। प्लांट के अधिकारी भी एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि कर रहे हैं लेकिन दुर्घटना के बाद से ही पॉवर प्लांट के कैंपस, जैतहरी, अनूपपुर में मृतकों की संख्या को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है।
नहीं है बर्न यूनिट
झुलसे हुए लोगों को त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराने के बावजूद जिला चिकित्सालय में बर्न यूनिट का न होना सभी को अखर गया। भीषण गर्मी में झुलसे लोगों को चिकित्सालय के ओपीडी वार्ड में रखा गया जहां ठण्डक के नाम पर पंखे की गर्म हवा ही उपलब्ध थी। बर्न यूनिट न होने से सभी मरीजों को समुचित उपचार न मिलने से उन्हें भिलाई, बिलासपुर या शहडोल के लिए रेफर करना पडता है।
घटना पर राजनीति हुई तेज
पॉवर प्लांट में दुर्घटना के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। मृतकों और घायलों का हाल-चाल जानने, संवेदना व्यक्त करने के लिए भाजपा सहित किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं के न पहुंचने पर लोग अपने-अपने ढंग से टिप्पणी करते देखे गये। यद्यपि देर रात जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल जिला चिकित्सालय पहुंचे।
न्यायिक जांच की मांग
दुर्घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए भाकपा नेता हरिद्वार सिंह ने घटना के कारणों की जांच के लिए न्यायिक जांच की मांग करते हुए दोषियों के विरूद्ध कडी कार्यवाही करने, मृतक के परिजनों को 50 लाख रूपये एवं घायलों को 20-20 लाख रूपये दिये जाने की मांग की।