धमतरी। 104 साल की उम्र में बकरियां बेचकर शौचालय निर्माण की पहल कर स्वच्छता का संदेश देने वाली धमतरी विकासखण्ड के ग्राम कोटाभर्री के कुंवर बाई यादव को कलेक्टर भीम सिंह की पहल पर पशुधन विकास विभाग द्वारा 11 बकरियां प्रदान की गईं।
इस अवसर पर जिला पंचायत के सीईओ पीएस एल्मा ने कुंवर बाई को बकरियां सौंपते हुए उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उम्र के इस पड़ाव में माता कुंवर बाई ने स्वच्छता का पर्याय समझकर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से शौचालय का निर्माण कर पूरे देश के लिए अनुकरणीय पहल की है, यह गौरव की बात है।
उन्होंने ग्रामीणों को अपने गांव के साथ-साथ पूरे जिले को शीघ्र खुले में शौच से मुक्त करने का आव्हान किया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत बरारी की सरपंच वत्सला यादव सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने अपने प्रवास के दौरान ग्रामीणों को कोटाभर्री को खुले में शौचमुक्त बनाने की अपील करते हुए स्वच्छता अपनाने की बात कही थी। इस पर अमल करते हुए 104 साल की उम्रदराज महिला कुंवर ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत अपने घर में सबसे पहले शौचालय बनाया।
इसके लिए अपने जीविकोपार्जन के साधन बकरियों को बेचना पड़ा था। बाद में उन्होंने अन्य ग्रामीणों को भी प्रोत्साहित किया और अंततः कोटाभर्री को 15 जुलाई 2015 को ओ.डी.एफ. ग्राम घोषित किया गया।
उनकी इस पहल से धमतरी जिले को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। तीन माह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 फरवरी को राजनांदगांव के ग्राम कुर्रूभाठ में आयोजित कार्यक्रम में कुंवर बाई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया तथा उन्हें स्वच्छता दूत निरूपित किया।
स्वच्छ भारत मिशन की ब्राण्ड एम्बेसेडर बन चुकीं श्रीमती कुंवर बाई को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशानुसार एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई तथा उनके घर में मनरेगा मद से 50 हजार रूपए का बकरी शेड निर्माण कराकर उन्हें हस्तांतरित किया गया। इसी तारतम्य में मुख्यमंत्री के निर्देश पर अमल करते हुए जिला प्रशासन द्वारा 11 बकरियां पशुधन विकास विभाग द्वारा दी गईं।
विभाग के उप संचालक डॉ. पीके मरकाम ने बताया कि कुंवर बाई को देशी नस्ल की 10 बकरियां एवं सिरोही नस्ल का एक ग्रेडेड बकरा सम्मान के तौर पर दिया गया।
इस अवसर डॉ. मरकाम द्वारा बकरियों के रखरखाव, खानपान, देखभाल तथा विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी गई। बकरियों को पाकर कुंवर बाई तथा उनके परिजन काफी प्रसन्न थे।