वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय मूल के एक अमरीकी वैज्ञानिक और पाकिस्तानी मूल के एक अमरीकी डॉक्टर को विज्ञान और तकनीक तथा नवाचार के क्षेत्र में दिए जाने वाले देश के सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और मेसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल से जुड़े 65 वर्षीय राकेश के. जैन को नेशनल मेडल ऑफ साइंस से नवाजा गया। उन्हें यह पुरस्कार ट्यूमर के क्षेत्र में उनके काम और इससे जुड़ी रणनीतियों का इस्तेमाल इंसानों में कैंसर का पता लगाने में, उसकी रोकथाम में और उपचार में करने के लिए दिया गया।
नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन प्राप्त करने वाले हुमायूं पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के निजी चिकित्सक के पोते हैं।
53 वर्षीय हुमायूं को यह पुरस्कार चिकित्सा क्षेत्र में आविष्कार, विकास और बायोइलेक्ट्रॉनिक्स के इस्तेमाल के लिए और अंधेपन का शिकार हो चुके लोगों को आंखों की रोशनी लौटाने में मददगार रेटिना संबंधी सर्जरी के लिए दिया गया।
विभाजन के बाद हुमायूं का परिवार जालंधर से पाकिस्तान चला गया था। उनके दादा कर्नल इलाही बख्श पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना के निजी चिकित्सक थे। हुमायूं का परिवार वर्ष 1972 में अमेरिका चला गया था। उस समय हुमायूं नौ साल के थे।