Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी एफएम रेडियो शुरू किए जाएंगे : राज्यवर्धन सिंह राठौड़ - Sabguru News
Home Breaking राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी एफएम रेडियो शुरू किए जाएंगे : राज्यवर्धन सिंह राठौड़

राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी एफएम रेडियो शुरू किए जाएंगे : राज्यवर्धन सिंह राठौड़

0
राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी एफएम रेडियो शुरू किए जाएंगे : राज्यवर्धन सिंह राठौड़

raj

जयुपर। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि एक लाख तक की आबादी वाले शहर में एफ रेडियो शुरू होंगे । साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी एफएम रेडियो शुरू किए जाएंगे जो एक ही फ्रिक्वैंसी पर काम करेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत जयपुर- दिल्ली राष्ट्रीय मार्ग पर इसे शुरू किया जाएगा।

राठौड़ रविवार को विश्व संवाद केन्द्र की ओर से आयोजित नारद जयंती और पत्रकार सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विचार विमर्श होते रहना चाहिए, इससे कई बाते निकलकर आती है। मीडिया आंख और कान है, इसके माध्यम से जनता के अधिकार उन तक पहुंचने चाहिए। मीडिया सरकार के लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार करे ताकि जनता तक योजनाए पहुंच सके।

उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में बैठकर पूरे देश की पत्रकारिता नहीं हो सकती, अकेला दिल्ली देश नहीं है बल्कि असली भारत तो गांवों में बसता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करने वाले पत्रकारों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ पत्रकार बिन पानी की मछली की तरह छटपटा रहे हैं। मोदी के कंधो पर चढ़कर अपना स्टेटस उपर उठाना चाहते है। उन्होंने पत्रकारों से आव्हान किया है कि वे नारद की तरह कभी नारायण को नहीं भूले। पत्रकारिता एक पैशन है, इसके केन्द्र में देश होना चाहिए।

समारोह की अध्यक्षता करते ज्योति विद्यापीठ के संस्थापक पंकज गर्ग ने कहा कि हमारे देश में कितनी ही चीजें छुपी हुई है, हम लीडर बन सकते हैं, आवश्यकता है उन चीजों को खोजकर उनका विश्लेषण करने की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता आज केवल खबर देने का माध्यम बनता जा रहा है और खबरों का विश्लेषण कम होता जा रहा है, जो ठीक नहीं है।

पत्रकारिता का उद्देश्य और लक्ष्य पवित्र है

समारोह में पांच्यजन्य और ऑर्गेनाइजर के ग्रुप एडिटर जगदीश उपासने ने कहा कि पत्रकारिता एक जूनुन है। पत्रकार अपने धर्म के लिए जेहाद करता है, यह करना भी चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करता तो अपने धर्म के साथ न्याय नहीं है। पत्रकारिता का उद्देश्य और लक्ष्य पवित्र है, इसलिए हमारे साधन भी पवित्र होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज नारद को हम आद्य पत्रकार कहते हैं तो कई लोगों की भौहें तन जाती है। समाज में नारद की छवि विदुषक, मसखरे, चुगलखोर की बताई गई है, लेकिन नारद की स्मृतियां सूक्त और ग्रंथ मशहूर है। यह सब संस्कृत में है, इसलिए बहुत कम लोग पढ़ पाते हैं। हमारे देश में संस्कृत और नारद को भुला दिया है। पंचांग में नारद जयंती की तिथि आज भी अंकित मिलेगी।

उन्होंने कहा कि नारद को आदि पत्रकार के रूप में वर्षों पहले ही स्वीकार कर लिया गया था। वर्ष 1826 में पहला हिंदी भाषी अखबार उद्दंत मार्तंड नारद जयंती से ही निकाला गया था। इसके पहले अंक में नारद के बारे में लिखा गया है। भारतीय समाज में प्राचीन समय से ही संवाद और विमर्श की परंपरा रही है, यह श्रुतियों और स्मृतियों के रूप थी।

दुर्भाग्य से दो हजार सालों के संघर्ष में हम विचार और विमर्श की परंपरा भूल गए। इसलिए हमें जर्नलिज्म की विधा विदेशों से लेना पड़ी। पत्रकारिता वास्तव में भारत की विधा नहीं यह यूरोप से आई है। इसे हमने स्वीकार किया है। पत्रकारिता सूचना तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, यह प्रेरित और शिक्षित करने वाली होनी चाहिए।

भ्रष्ट पत्रकारों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के कारण पूरे मीडिया को खारिज करना ठीक नहीं है। आज परंपरागत मीडिया धराशयी हो रहा है। दुनिया भर में अखबारों की प्रसार संख्या में भारी गिरावट आ रही है। सोशल मीडिया की ताकत बढ़ रही है। भारत में इंटरनेट का उपयोग करने वाले 46.5 करोड़ लोग है। इनमें से 37 करोड़ मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करते हैं।

पत्रकारिता कला के साथ विज्ञान भी है। पत्रकार जिस तरह समाचार को सुसज्जित करता है, ठीक उसी तरह खबर के पिछे छुपे सत्य की खोज भी करता है। नारद की तरह पत्रकार भी सत्य के साधक है। पत्रकारों को कभी नारायण को नहीं छोड़ना चाहिए। सकारात्मक पत्रकारिता समाज का आइना है।

उन्होंने कहा कि पाठक, दर्शक और श्रोता बढ़ रहे है, लेकिन वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं। आज पत्रकार के सामने विश्वसनीय और उपयोगी बने रहने की चुनौती है। मीडिया का अति स्थानीयकरण हो रहा है, इसलिए स्थानीय समाचारों को भी अच्छा स्थान मिल रहा है। केवल सकरात्मक पत्रकारिता से काम नहीं चलेगा, जो अशुभ हो रहा है वह भी समाचारों में दिखना चाहिए, ताकि समाज को उसके बारे में जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि ऑडियंस से दुश्मनी करके कोई भी मीडिया नहीं चल सकता है। इसलिए मीडिया को समाज उपयोगी बनना होगा।

पत्रकारों का हुआ सम्मान

समारोह में प्रिंट मीडिया श्रेणी में मोहनीश श्रीवास्तव और जयंत शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया श्रेणी में योगेन्द्र पंचोली व शरद पुरोहित और सोशल मीडिया के लिए अमित शर्मा को सम्मानित किया गया। साथ ही राजस्थान विश्वविद्यालय में वर्ष 2015 में एमजेएमसी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा नमीता कल्ला को भी सम्मानित किया गया।