जयपुर। शिक्षा विभाग में कार्यरत कार्यालय सहायक दिनेश शर्मा के सुसाइड का मामला अब तूूल पकड रहा है। मृतक कर्मचारी दवारा लिखा गया सुसाइड नोट सामने आने के बाद विभाग के कर्मचारियों में भी आक्रोश व्याप्त हो गया।
मृतक ने सुसाइड नोट के जरिए शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और लेन देन के खेल को उजागर कर दिया है। लिपिक ने मौत को गले लगाने से पहले अपनी मौत का जिम्मेदार लोगों के नाम भी सुसाइड नोट में लिखे हैं।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के जिला अध्यक्ष उमेश शर्मा ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने भी बताया कि मृतक ने जो सुसाईड नोट लिखा था, उसमें उसने कुछ कर्मचारियों और शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी के निवास पर कार्यरत शिवशंकर शर्मा ने 16.50 लाख रूपए कर्मचारियों के स्थानान्तरण बाबत दिए जाने का हवाला दिया है।
इन लोगों ने कर्मचारी को आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित भी किया है, इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच अत्यंत आवश्यक है।
महासंघ (एकीकृत) के जिलाध्यक्ष उमेश शर्मा ने 24 मई को गृहमंत्री को भी ज्ञापन देकर आत्महत्या के कारणों की जांच की मांग की है। साथ ही मृतक के परिजनों को 10 लाख रूपए का मुआवजा और आश्रित को नौकरी देने की मांग की है।
महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने शिक्षा विभाग में स्थानान्तरणों में हो रहे इस प्रकार के घांधली की निंदा की है। महासंघ कार्यालय में मृतक की आत्मा की शान्ति के लिए एक श्रृद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई।