नई दिल्ली। साल 2004 में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां से जुड़ी और गृह मंत्रालय से गुम हुई फाइलों का कमेटी गठित करने के बावजूद अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं आया है।
सूत्रों के मुताबिक एडिशनल सेक्रेटरी बीके प्रसाद की एक सदस्यीय कमेटी को गायब हुई फाइलों की जांच में कुछ पता नहीं चला है, जबकि 31 मई तक उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
गृह मंत्रालय को शक है कि इशरत मामले की फाइलें जानबूझकर कर गायब की गई हैं। जो फाइलें गायब हैं उनमें इशरत से जुड़े एफिडेविट से जुड़ी पी. चिदंबरम की तैयार की गई नोटिंग भी शामिल है।
बता दें कि संसद में हंगामे के बाद बीते 14 मार्च को गठित इस पैनल को उन स्थितियों की जांच करने को कहा गया था, जिनमें इशरत जहां से जुड़ी अहम फाइलें गायब हो गईं। इशरत जहां 2004 में गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई थी।
पैनल से फाइलें और प्रासंगिक मुद्दों को रखने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति का पता लगाने को कहा गया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 10 मार्च को संसद में खुलासा किया था कि फाइलें गायब हैं।
सूत्र बताते हैं कि गृह मंत्रालय से जो कागजात गायब हैं, उनमें अटॉर्नी जनरल द्वारा परखे गए और 2009 में गुजरात हाई कोर्ट में दायर हलफनामे की प्रति और दूसरे हलफनामे का मसौदा भी शामिल है, जिसमें बदलाव किए गए थे।
तत्कालीन गृह सचिव जीके पिल्लै द्वारा तत्कालीन अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती को लिखे गए दो पत्रों और मसविदा हलफनामे की प्रति का भी अब तक पता नहीं चल सका है।