नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) निकट भविष्य में टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरों की तरह सभी लोगों को फ्री या फिर रियायती दरों पर इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने पर विचार कर रहा है।
इस प्रस्ताव पर अभी परामर्श किया जा रहा है और इससे नेट न्यूट्रिलिटी को कोई नुकसान नहीं होगा। ट्राई इंटरनेट का उपयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार कर रहा है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र की खबर के अनुसार ट्राई के चैयरमैन आर एस शर्मा का कहना है कि यह फरवरी में ट्राई द्वारा दिए गए उस आदेश के विपरीत भी नहीं होगा जिसमें सभी मोबाइल ऑपरेटर्स पर डेटा एक्सेस के लिए अलग-अलग टैरिफ लेने पर रोक लगाई गई है।
फ्री डेटा के मसले पर कंसल्टेशन पेपर पेश किए जाने की खबरों पर ट्राई के चैयरमैन ने कहा कि यदि कोई कम चार्ज वसूलता है या मुफ्त कंटेट प्रदान करता है तो हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह सभी मोबाइल ऑपरेटर्स के लिए उपलब्ध होनी चाहिए।
ट्राई द्वारा पेश किए गए इस नए कंसल्टेशन पेपर पर नेट न्यूट्रिलिटी से जुडे कुछ एक्टिविस्ट्स को परेशानी हो सकती है। ऐसे में ट्राई को अपने उस आदेश के बारे में दुबारा सोचना पड़ सकता है जिसमें ट्राई ने अलग-अलग टैरिफ्स पर रोक लगाने का आदेश दिया था जिस कारण फेसबुक के ‘फ्री बेसिक्स’ और ‘एयरटेल जीरो’ जैसे प्लेटफार्म्स पर रोक लगी थी।
फेसबुक का ‘फ्री बेसिक्स’ केवल कुछ वेबसाइट्स के लिए एक्सेस प्रदान करता है और यह केवल रिलायंस कम्युनिकेशन के ग्राहकों के लिए है। शर्मा ने कहा कि हमारा फैसला है कि फ्री या रियायती दरों पर मिलने वाले कंटेट की सुविधा सभी ग्राहकों के लिए होनी चाहिए।
शर्मा ने कहा कि हम अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हटेंगे। हम चाहते हैं कि बातचीत द्वारा टॉल फ्री की तरह डेटा की सुविधा भी मिलनी चाहिए। इस तरह की सुविधाएं, स्वास्थ्य, गवर्नेंस, सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए अमल में लाई जा सकती हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी खास स्थान पर दुकान में सेल लगी है तो वहां किसी भी रास्ते से पहुंचने वाले को वह सामग्री समान रूप से मिलनी चाहिए बजाय कि किसी खास रास्ते से आने वाले को। इसी तरह फ्री या डिस्काउंट कंटेंट्स सभी सब्सक्राइबर्स को मिलने चाहिए। इसे किसी एक मोबाइल के सब्सक्राइबर्स तक सीमित नहीं रखा जा सकता है।