चंडीगढ। हरियाणा में फिर से जाट आंदोलन की वॉर्निंग दी गई है। लेकिन इस बार पुराने एक्सपीरियंस से डरी सरकार पहले से सतर्क है। सरकार का रवैया भी सख्त नजर आ रहा है। कुछ बुरा हो उससे पहले ही 10 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स बुला लिया गया है।
हिसार, भिवानी जींद जिले में एक-एक कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स पहुंच भी गई है। बता दें कि जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से हिसार के मय्यड़ से फिर आंदोलन की धमकी के बाद सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है। इस बारे में डीजीपी केपी सिंह ने कहा कि एहतियातन पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दी गई है।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के यशपाल मलिक ने 5 जून से फिर से आंदोलन की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार पिछले आंदोलन में अरेस्ट लोगों को नहीं छोड़ेगी और रिजर्वेशन पर हाईकोर्ट में सही पैरवी नहीं करेगी तो हम आंदोलन कर सरकारी कार्य बंद कराएंगे। इसके लिए शुरुआत मय्यड़ से होगी।
5 जून को बड़ी रैली कर आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। इस अनाउंसमेंट को पुलिस प्रशासन ने भी गंभीरता से लिया है। सूत्रों की मानें तो इस बार सरकार का रुख सख्त है। यशपाल मलिक के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होना इसी की एक कड़ी है। वहीं, हिसार रेंज के आईजी ओपी सिंह ने कहा है कि माहौल बिगाड़ने वालों से इस बार सख्ती से निपटा जाएगा।
अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा के नेशनल स्पोक्सपर्सन दीपक राठी ने कहा कि सरकार और यशपाल मलिक के बीच सांठगांठ फिर से उजागर हो गई है। वे फिर से जाट समाज को मिस गाइड करने का प्रयास कर रहे हैं। मलिक जाटों की बैठक ले रहे थे।
लेकिन उनके विश्वासघात से धोखा खाए लोग उनका बहिष्कार कर रहे थे। इससे डरकर मलिक ने सरकार से मिलकर अपने ऊपर देशद्रोह का मामला दर्ज करा लिया। बता दें कि मालिक जाटों के बड़े नेता हैं और उनके साथ 5 अन्य बड़े जाट नेताओं पर देशद्रोह का मुकदमा लगाया गया है।