मुंबई। हिन्दी फिल्म अभिनेत्री सेलिना जेटली ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता भादंसं की धारा 377 एलजीबीटी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
भारत के मुख्यधारा के एकमात्र एलजीबीटी फिल्म महोत्सव ‘कशिश मुंबई अंतरराष्ट्रीय समलैंगिक फिल्मोत्सव’ की ब्रांड एबेसडर ने बताया कि भादंसं की धारा 377 के कारण समुदाय के लोग स्वतंत्र महसूस नहीं करते हैं। इस धारा में समलैंगिकता को अपराध माना गया है।
उन्होंने बताया कि जो रास्ता हमने अख्तियार किया है, उसमेंं काफी अंतर है। चाहे मीडिया हो, जनता हो या फिल्म जगत से जुड़े लोग। लेकिन जब तक धारा 377 बनी रहेगी तब तक हमारी सबसे बड़ी चुनौती भी बनी रहेगी।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर 34 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि जब तक यह रहेगा मुझे नहीं लगता है कि एलजीबीटी से ताल्लुक रखने वाले लाखों भारतीय वास्तविक तौर पर स्वतंत्र हो सकेंगे।
इस कार्यक्रम में पुरानी और नई एलजीबीटी फिल्में दिखाई गई। ‘अपना सपना मनी मनी’ की अभिनेत्री का मानना है कि इस तरह की फिल्में पीढिय़ों को प्रभावित करने के लिए महत्वपूर्ण है।