नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अफ्रीकी छात्रों की सुरक्षा की मांग करते हुए मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक न्याय मार्च निकाला। उन्होंने राष्ट्र से आग्रह किया कि अफ्रीकी छात्रों की सुरक्षा के लिए आगे आएं।
इससे पहले सोमवार को देश के कई हिस्सों में अफ्रीकी नागरिकों पर हुए हमले के विरोध में अफ्रीक्री छात्रों ने भी दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था। ये छात्र अफ्रीकी नागरिकों को पूरी सुरक्षा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली में अफ्रीकी नागरिक पर हुए हमले में पुलिस ने अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं पूरे मामले में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के अनुरोध पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही दिल्ली पुलिस को अफ्रीकी छात्रों को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं।
जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने इस मामले में सरकार के दृष्टिकोण की निंदा करते हुए कहा कि अफ्रीकी नागरिकों पर हो रहे हमलों को सरकार नजरअंदाज कर रही है। सरकार के रवैये से अफ्रीकी छात्रों पर हमले और नस्लीय भेदभाव को देश में बढ़ावा मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के प्रवक्ताओं ने कहा कि यह छोटी सी बात है। राज्यों का ये बयान बेहद शर्मनाक है, सरकार इस मसले को इतने हल्के में नहीं ले सकती। 42 अफ्रीकी देशों के राजनयिकों ने अफ्रीका दिवस के सप्ताह उत्सव का बहिष्कार करने तक की चेतावनी दी है।
उनका यह विरोध ‘नस्लवाद और एफ्रो-भय’ के खिलाफ विरोध का एक संकेत है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस मुद्दे पर असहिष्णु रवैया अपना रही है। कन्हैया ने सरकार से मांग कि यह असहिष्णु रवैया बंद किया जाए।
जिस देश की सरकार अनेकता में एकता की बात करती है उस देश में अलग-अलग राष्ट्र से आये लोगों के साथ ऐसा कैसे किया जा सकता है? उन्होंने मांग की कि विभिन्न विचारों, रंग, जाति, धर्म और क्षेत्रों के आधार पर भेदभाव रोकने के लिए सरकार को गम्भीरता से प्रयास करना चाहिए।