इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भारत पर यह आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की तरफ से पठानकोट आतंकवादी हमले की संयुक्त जांच के लिए पेशकश किए जाने के बावजूद भारत द्विपक्षीय वार्ता से पीछे हट रहा है।
पाक राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए इसे बंटवारे का अधूरा एजेंडा और क्षेत्रीय तनाव का मुख्य कारण बताया।
वर्तमान संसद के चौथे वर्ष की शुरूआत पर संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए हुसैन ने कहा कि विदेश सचिव स्तरीय वार्ता बहाल करने के पाकिस्तान के प्रयास और पठानकोट हमले की संयुक्त जांच की पेशकश के बावजूद विदेश सचिव स्तर की बातचीत अब भी शुरू नहीं हो सकी है। पाकिस्तान इसको लेकर चिंतित है।
पाक राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्र में तनाव का मुख्य कारण कश्मीर मुद्दा है। यह उपमहाद्वीप के बंटवारे का अधूरा एजेंडा है। जब तक कश्मीर के लोगों की इच्छा और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता, तब तक इस क्षेत्र में समस्याएं रहेंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण देश है और वह चाहता है कि उसकी विदेश नीति सभी देशों के साथ मित्रता और भाईचारे पर आधारित हो। पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ बातचीत के माध्यम से विवादों का समाधान कर शांतिपूर्ण संबंध चाहता है। उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह पाकिस्तान के साथ वार्ता से भाग रहा है।
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान आर्थिक क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और 30 जून को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में देश ने 4.7 फीसदी की वद्धि दर हासिल की है।
उन्होंने आर्थिक प्रगति के लिए पाकिस्ताऩ़-चीन साझेदारी को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि कई अरब डॉलर की लागत से बनने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरीडोर को हर कीमत पर पूरा किया जाएगा।