अलवर। एक तरफ विश्व में योग, गीता व अनुशासन के रूप में हिन्दू दर्शन की स्वीकारता बढ रही है वहीं दूसरी तरफ साम्यवादियों द्वारा देश में बौद्धिक आतंकवाद फैलाकर असहिष्णुता के नाम पर भारत की छवि विश्व में खराब करने का षडयंत्र रचा जा रहा है।
यह कहना है रा.स्वयंसेवक संघ, राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास का। वे शनिवार को पिछले 20 दिनों से अलवर में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग—प्रथम वर्ष के समापन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि संघ गत 91 सालों से हिन्दू संगठन का कार्य कर रहा है। इस कारण संघ का अनुभव है कि हिन्दू मजबूत है तो देश मजबूत होगा और हिन्दू कमजोर होगा तो देश भी कमजोर होगा।
इस अवसर पर स्वयंसेवक शिक्षार्थियों की ओर से दण्ड, दण्डयुद्ध, नियुद्ध, समता, योगासन, घोष व सूर्यनमस्कार आदि कार्यक्रमों का शानदार प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान सेवानिवृत जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं वर्गाधिकारी अशोक कुमार ने संघ शिक्षा वर्ग से संबंधित प्रतिवेदन पढा। इस अवसर पर मंच पर वर्ग कार्यवाह रमेश पारीक, मुख्य अतिथि सेवानिवृत कर्नल शेरसिंह, विशिष्ट अतिथि पर्यावरण प्रेमी प्रेमनाथ उपस्थित थे।
कार्यक्रम में अलवर शहर से हजारों की संख्या में समाजबंधु भी शामिल हुए। मुख्य वक्ता दुर्गादास ने अपना संस्थान के पौधारोपरण महाअभियान की शुरूआत करते हुए पौधारोपण भी किया। उपस्थित स्वयंसेवकों ने अपने—अपने क्षेत्र में सघन पौधारोपण करने का संकल्प लिया।
इसलिए देश पर खतरे
दुर्गादास ने कहा कि संघ राष्ट्रीय चेतना को जगाने का कार्य करता है। राष्टीय चेतना के अभाव में देश अनेक खतरों का सामना कर रहा है। इसी के अभाव में चीन भारत को घेरने में सफल हो रहा है।
एक ओर चीन भारत को घेरते हुए ब्रह्मपुत्र नदी के जल को रोक रहा है, भारत के विरूद्ध संयुक्त राष्ट संघ में सक्रिय हो रहा है एवं पाकिस्तान को सहयोग दे रहा है दूसरी ओर हम चीनी माल खरीद कर अपने उद्योगों को बंद कर रहे हैं तथा उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।
राजस्थान में 32 सौ ने लिया प्रशिक्षण
जयपुर स्थित केशव विद्यापीठ जामडोली में संघ शिक्षा वर्ग—द्वितीय वर्ष विशेष, चूरू में प्रथम वर्ष विशेष और चित्तौड में द्वितीय वर्ष सामान्य चल रहे थे। इन वर्गों का भी समापन हुआ। देश भर में इस तरह के 90 व राजस्थान में 8 वर्ग चल रहे हैं जिसमें 3200 सौ कार्यकर्ता प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। अलवर के इस वर्ग में छह जिलों से 273 स्वयंसेवक है।