रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने नई पार्टी गठन को लेकर सोमवार को मारवाही विधानसभा क्षेत्र के कोटमीकला में अपने समर्थकों की सभा ली।
सभा स्थल पर पूरे प्रदेश से जोगी समर्थक पहुंचे थे। समर्थकों में कुछ वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक भी शामिल थे। नई पार्टी गठन को लेकर जोगी ने अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श किया। नई पार्टी के नाम व संचालन को लेकर मंथन किया जा रहा है।
सभा में जोगी के परिवार से उनकी पत्नी कोटा विधायक रेणु जोगी, पुत्र मारवाही विधायक अमित जोगी और उनकी बहू ऋचा जोगी भी शामिल है।
मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसकी वजह यहां के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की नई पार्टी के गठन को लेकर सभा का आयोजन है।
जोगी ने कहा कि कमान से निकला तीर वापस नहीं आता और तलवार का वार खाली नहीं जाता। मारवाही के कोटमीकला में आयोजित सभा में पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे, विधान मिश्रा और पूर्व विधायक परेश बागबहरा भी पहुंचे हैं।
सभा में मरवाही विधायक अमित जोगी द्वारा पूर्व में उठाए गए आउटसोर्सिंग का मुद्दा उछला। कमजोर विपक्ष के लिए मौजूदा कांग्रेस कमेटी को धिक्कारा गया। समर्थक क्षेत्रीय पार्टी बनाने पर जोर दे रहे हैं।
इस आयोजन पर कांग्रेस आलाकमान के साथ राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की नजरें टिकी हैं। बिल्हा के विधायक सियाराम कौशिक और पूर्व विधायक धर्मजीत सिंह भी सभा स्थल पहुंच गए हैं। सभा के शुरू होने पर स्थानीय समर्थकों ने जोगी के साथ खड़े रहने का ऐलान किया है।
आयोजन के लिए सुबह से ही जोगी समर्थकों के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था। सभास्थल में नई पार्टी के गठन और नाम को लेकर समर्थकों के जनमत संग्रह करवाया जा रहा है।
सभास्थल में ग्रामीणों के आने का सिलसिला दोपहर तक बना रहा। बिलासपुर जिले के अलावा अंबिकापुर, कोरबा, मनेंद्रगढ़, रायपुर और धमतरी से बड़ी संख्या में जोगी समर्थक यहां पहुंचे।
कोटमीकला गांव मरवाही विधानसभा क्षेत्र और कोंटा विधानसभा क्षेत्र के बीच आता है। मरवाही से जोगी के बेटे अमित विधायक हैं जबकि कोंटा से उनकी पत्नी डॉक्टर रेणु जोगी विधायक हैं। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में अपने समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं की भारी संख्या को देखते ही जोगी ने आयोजन के लिए कोटमीकला का चयन किया है।
सूत्रों की माने तो मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया और अकलतरा के विधायक चुन्नीलाल साहू को पीसीसी चेयरमैन भूपेश बघेल ने कथित तौर पर जोगी की सभा में नहीं जाने के लिए फोन किया है। भीषण गर्मी के बीच भी ग्रामीणों में भारी उत्साह है।
गौरतलब है कि अजीत प्रमोद कुमार जोगी छत्तीसगढ के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बिलासपुर के पेंड्रा में जन्में अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक की नौकरी की।
बाद में वे मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आए। वे विधायक और सांसद भी रहे। बाद में 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ बना तो राज्य का पहला मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बनाया गया।