नई दिल्ली। मसूद अजहर के लिए संयुक्त राष्ट्र में वीटो का इस्तेमाल करने वाले चीन ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर यह माना है कि मुंबई 26/11 के आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका थी। यह हमला 26 नवंबर 2008 को हुआ था जिसमें 164 लोग मारे गए थे और 308 लोग घायल हुए थे।
चीन के सरकारी टेलिविजन सीसीटीवी 9 पर हाल में प्रसारित एक डॉक्युमेंट्री में मुंबई टेरर अटैक में लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान में मौजूद उसके आकाओं की भूमिका को रेखांकित किया गया। ज्ञातव्य है कि इस आतंकी हमले ने समूचे विश्व को झकझोर कर रख दिया था। फ़िलहाल चीन की नीति में इस बदलाव की टाइमिंग बेहद अहम मानी जा रही है।
जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति द्वारा लिस्टिंग में चीन ने पिछले साल सितंबर में तकनीकी आपत्ति दर्ज कराई थी। इस आपत्ति की मियाद 9 जून को खत्म होने वाली है। इस लिहाज से सरकारी टेलिविजन सीसीटीवी 9 की डॉक्युमेंट्री को अहम माना जा सकता है। इन तीन आतंकियो में हाफिज अब्दुल रहमान मक्की, तलहा सईद और हाफिद अब्दुल रऊफ शामिल हैं। आप पढ रहे हैं सबगुरु न्यूज sabguru.com
उस समय अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों ने इन पर प्रतिबंध का समर्थन किया था, लेकिन पाकिस्तान की शह पर चीन ने इसमें अड़ंगा लगा दिया था। जैश-ए-मोहम्मद के चीफ हाफिज सईद के नाम पर ऐसी ही तकनीकी आपत्ति की वजह से चीन दुनिया भर की आलोचना का सामना पहले से ही कर रहा है। बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति ने पहले ही बैन कर रखा है।
इन हालात में चीन को शायद यह समझ में आ रहा है कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का आंख मूंदकर समर्थन करना दुनिया भर में उसकी अपनी साख के लिए खराब हो सकता है।